आयात घटाने की योजना | बीएस संवाददाता / June 17, 2020 | | | | |
वाणिज्य विभाग चीन से आयात घटाने के उपाय खोज रहा है और जल्द ही अपनी सिफारिश प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपेगा। सूत्रों का कहना है कि सरकार 371 उत्पादों पर कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। इन उत्पादों में खिलौने, प्लास्टिक की वस्तुएं, खेल का सामान और फर्नीचर आदि शामिल हैं, जिनकी कुल आयातित लागत 127 अरब डॉलर है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इन उत्पादों में से ज्यादातर चीन से आते हैं। हम इन उत्पादों के आयात का कोई विकल्प तलाशेंगे।' चीन से आयातित इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाएं, परिधान और टिकाऊ उपभोक्ता सामान भी सूची में शामिल हैं।
इस योजना को उत्पाद मानक स्थापित कर, घरेलू विनिर्माताओं को प्रोत्साहन देकर और विभिन्न देशों से आयात के बारे में कारोबारी भागीदारों के साथ बातचीत कर अंजाम दिया जाएगा। मंत्रालय इस समय चीन से आयातित माल पर शुल्क नहीं बढ़ाना चाहता है क्योंकि इससे भारत में विनिर्माताओं पर असर पड़ सकता है। हालांकि सरकार की तरफ से तैयार आपात योजना में चीन से आयातित शीर्ष 100 उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने का समर्थन किया गया।
मगर अधिकारियों ने आगाह किया कि चीनी उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने से अचानक आपूर्ति शृंखला में अवरोध पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस बारे में और अनुसंधान की जरूरत है कि क्या भारतीय आयातक अन्य देशों से आयात कर सकते हैं।
एक अधिकारी ने कहा ज्यादातर क्षेत्रों में नकदी एक प्रमुख चिंता बनी हुई है, इसलिए ऊंचे शुल्कों से भारतीय आयातकों के लिए आयात लागत बढ़ सकती है और उन्हें इन उत्पादों का आयात करने के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके अलावा कोरोनावायरस बने रहने के कारण कम से कम जुलाई तक शुल्क बाधाएं खड़ी करने का फैसला लेना मुश्किल होगा। चीन ने वर्ष 2018-19 में भारत के सबसे बड़े कारोबारी साझेदार की हैसियत गंवा दी है। अब यह स्थान अमेरिका ने ले लिया है। हालांकि अंतर बहुत कम है। मगर चीन अब भी आयात का सबसे बड़ा सो्रत बना हुआ है। देश में चीन से आयात वर्ष 2017-18 से घट रहा है। उस समय यह 76 अरब डॉलर के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था। यह वर्ष 2018-19 में घटकर 70 अरब डॉलर पर आ गया, जिसकी मुख्य वजह मोबाइल फोन एवं कंपोनेंट का कम आयात था। वर्ष 2019-20 में फरवरी तक आयात 62.37 अरब डॉलर था, इसलिए इस वर्ष में आयात उससे पिछले साल के मुकाबले कम रहने के आसार हैं।
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