सड़क निर्माण में मासिक भुगतान | मेघा मनचंदा / नई दिल्ली June 16, 2020 | | | | |
केंद्र सरकार ने अभ्यिांत्रिकी, खरीद और अनुबंध (ईपीसी) या सरकार द्वारा वित्त पोषित राजमार्ग अनुबंधों के लिए भुगतान व्यवस्था में ढील दी है। इस कदम का मकसद सड़कों का निर्माण करने वाले ठेकेदारों के हाथों में ज्यादा नकदी उपलब्ध कराना है।
राजमार्ग के ठेकेदारों को अब हरेक महीने के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। अब तक निर्धारित लक्ष्य पूरा करने पर भुगतान दिया जाता था। हालांकि भुगतान की राशि अभी भी पूरे किए गए कार्य के आधार पर ही दिया जाएगा लेकिन भुगतान व्यवस्था में बदलाव तत्काल नकदी उपलब्ध कराने के लिए किया गया है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) तथा विभिन्न राज्य सरकारों को भुगतान का नया मॉडल अपनाने को कहा है। नकदी संकट से जूझ रही निर्माण कंपनियों की मांग को देखते हुए मंत्रालय ने यह निर्णय किया है।
सरकार ने प्रतिधारण राशि, जो प्रदर्शन सिक्योरिटी का हिस्सा है, उसे पूरा किए गए कार्य के आधार पर जारी करने की अनुमति दी है। उदाहरण के लिए अगर कोई ठेकेदार 2 किलोमीटर सड़क बनाता है जबकि लक्ष्य 10 किलोमीटर है तो सरकार 20 फीसदी धनराशि जारी करेगी। एक अधिकारी ने कहा कि इससे राजमार्गों के निर्माण से जुड़ी कंपनियों को कार्यशील पूंजी की जरूरत पूरी करने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार ने अनुबंध की शर्तों को पूरा करने की समयसीमा में भी ढील दी है। पहले यह 3 महीने थी जिसे बढ़ाकर 6 महीने कर दिया गया है। राजमार्ग परियोजना का उप-अनुबंध का भुगतान सीधे संयुक्त खाते (एस्क्रो अकाउंट) के जरिये किया जाएगा।
इसके अलावा मार्च से सितंबर 2020 के दौरान नए अनुबंध में प्रदर्शन सिक्योरिटी या बैंक गारंटी जमा कराने में देरी पर लगने वाला जुर्माना भी माफ कर दिया गया है।
बनाओ-चलाओ-हस्तांरित करो (बीओटी) और टोल-चलाओ-हस्तांतरत करो (टीओटी) मॉडल के लिए रियायत की अवधि भी बढ़ाई जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल अनुबंध में शुल्क संग्रह में नुकसान की भरपाई अनबुंध के अनुरूप की जाएगी।
एनएचएआई भी डिजिटल हो रहा है और क्लाउड आधारित एवं कृत्रिम बुद्घिमत्ता आधारित बिग डेटा प्लेटफॉर्म - डेटा लीक एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहा है।
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