कम डाइवर्सिफाइड एफएमसीजी फर्मों के हालात ज्यादा नाजुक | श्रीपाद ऑटे / मुंबई June 15, 2020 | | | | |
ऐसे समय में जब बैंकिंग, वाहन और आतिथ्य जैसे ज्यादातर क्षेत्रों को निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, एफएमसीजी शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है। जनवरी से 23 मार्च के दौरान (लॉकडाउन शुरू होने से पहले) 23 फीसदी की गिरावट के बाद, निफ्टी एफएमसीजी सूचकांक 24 फीसदी तक चढ़ चुका है। आसान शब्दों में, यह कहा जा सकता है कि यह अपने जनवरी के ऊंचे स्तर से लगभग 7 फीसदी दूर है, लेकिन निफ्टी 50 इस अवधि के दौरान 18 फीसदी नीचे आया है। हालाकि व्यवसाय की स्थिर प्रकृति ने एफएमसीजी शेयरों की रफ्तार बनाए रखी है, लेकिन निवेशकों को राजस्व और मुनाफे के लिए एक या दो श्रेणियों पर ज्यादा निर्भरता वाली कंपनियों (खासकर गैर-फूड) की संभावित कमजोरी को ध्यान में रखना चाहिए।
जहां फूड सेगमेंट का प्रदर्शन अच्छा रहने की संभावना है, वहीं कोलगेट, जिलेट इंडिया, मैरिको, और बजाज कंज्यूमर केयर जैसी कंपनियां दबाव महसूस कर सकती हैं, क्योंकि ये होम और पर्सनल केयर की अपनी प्रमुख श्रेणियों से 60-90 फीसदी राजस्व हासिल करती हैं। विश्लेषकों का मानना है कि इन प्रमुख श्रेणियों में चुनौतियों से इनका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है। कोविड-19 से संबंधित दबाव की वजह से नॉन-फूड सेगमेंट ज्यादा प्रभावित हुआ है, जिस पर महामारी से पहले ही दबाव बना हुआ था।
मैरिको और आईटीसी ने फूड समेत अन्य सेगमेंट पर भी ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन इनका योगदान अभी काफी कम बना हुआ है। आईटीसी का 80 फीसदी से ज्यादा परिचालन मुनाफा उसके सिगरेट व्यवसाय से आता है, जिसे नियामकीय खतरों से जूझना पड़ रहा है। यह भी एक प्रमुख वजह है जिससे आईटीसी का शेयर ऐतिहासिक स्तर पर निचले मूल्यांकन पर उपलब्ध है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च के प्रमुख दीपक जसानी का कहना है, 'जो कंपनियां एक श्रेणी पर ज्यादा निर्भर हैं, उनके लिए बाजार भागीदारी में गिरावट का जोखिम ज्यादा है, उनके लिए प्रतिस्पर्धा ज्यादा सख्त है या श्रेणी पर दबाव का जोखिम है और ये जोखिम कुल प्रदर्शन और मूल्यांकन को प्रभावित कर सकते हैं।' सतर्कता का अन्य कारण यह है कि इनमें से कुछ कंपनियां अभी भी अपने पांच वर्षीय मूल्यांकन की तुलना में 14-17 फीसदी ऊंचाई पर कारोबार कर रही हैं। जहां इनमें से कुछ एफएमसीजी कंपनियों (जो अपनी संबद्घ श्रेणियों में दिग्गज रही हैं) ने अपने ताजा तिमाही नतीजों बाजार भागीदारी में वृद्घि दर्ज की है, वहीं विश्लेषकों को इनके दबदबे में कमी आने की आशंका दिख रही है।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवायजरी के संस्थापक जी चोकालिंगम का कहना है कि सिंगल-श्रेणी वाली उन कंपनियों के लिए बाजार भागीदारी खोने का जोखिम ज्यादा है, जिनका आधार बड़ा है और जो अपनी संबद्घ श्रेणियों में अग्रणी हैं। कोलगेट इसका अच्छा उदाहरण है कि किस तरह से प्रतिस्पर्धा ने उसकी बाजार भागीदारी को प्रभावित किया है। टूथपेस्ट निर्माता कंपनी ने जून 2019 तक तीन साल में 400 आधार अंक की बाजार भागीदारी गंवाई है। कंपनी ने तब से बाजार भागीदारी के बारे में जानकारी देनी बंद कर दी है। विश्लेषकों का मानना है कि डाबर और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी बड़ी कंपनियां टूथपेस्ट और हेयर हॉयल जैसी श्रेणियों पर ज्यादा जोर दे रही हैं।
जिलेट के मामले में, मुख्य चिंता उपभोक्ताओं की पसंद में आए बदलाव से पैदा हुई है। उपभोक्ता अब शेविंग रेजर (और इसलिए क्रीम, जेल आदि) के बजाय इलेक्ट्रिक ट्रिमर को पसंद कर रहे हैं। दूसरी तरफ, हालांकि आईटीसी अच्छी तरह से विविधीकृत कंपनी है, लेकिन वीएसटी इंडस्ट्रीज और गॉडफ्रे फिलिप्स उसके मुख्य सिगरेट व्यवसाय की बिक्री को प्रभावित कर रही हैं।
इन कंपनियों को इस बारे में भेजे गए ईमेल संदेश का कोई जवाब नहीं मिला है।
सीमित प्रत्यक्ष वितरण ऐसा अन्य कारक है, जिससे कुछ कंपनियां प्रभावित हो रही हैं। ऐक्सिस सिक्योरिटीज के मुख्य निवेश अधिकारी नवीन कुलकर्णी का कहना है, 'इनमें से कुछ कंपनियों का थोक वितरण चैनल से ज्यादा जुड़ाव है, जिससे अन्य विकल्पों की उपलब्धता को देखते हुए उत्पाद उपलब्धता प्रभावित हुई है।' उनका कहना है कि इस वजह से प्रत्यक्ष रिटेल वितरण तक पहुंच जरूरी है। कोलगेट, मैरिको, और आईटीसी जैसी कंपनियों की ज्यादा प्रत्यक्ष पहुंच है और इसलिए वे दूसरों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि प्रतिस्पर्धा के अलावा, कारोबार में गिरावट के साथ साथ कुछ खास श्रेणियों में घटती मांग की वजह से भी कुछ कम विविधीकृत कंपनियों के लिए राह मुश्किल हो गई है। आईडीबीआई कैपिटल के विश्लेषक वरुण सिंह के अनुसार, 'हेयर ऑयल जैसी श्रेणियों में पिछले एक दो साल से ज्यादा दबाव देखने को मिल रहा है।' उनका यह भी मानना है कि नॉन-फूड कैटेगरीज पर ज्यादा निर्भरता वाली कंपनियों को शेयर मूल्यांकन मजबूत बनाए रखने में समस्या हो सकती है। हालांकि कंपनियां अपना प्रदर्शन और बाजार भागीदारी सुधारने के लिए अपनी प्रमुख श्रेणियों के साथ साथ नए सेगमेंट में नए उत्पाद पेश करने, और प्रत्यक्ष पहुंच बढ़ाने जैसे विभिन्न उपायों पर ध्यान दे रही हैं। इनमें से कई कंपनियां मजबूत ब्रांड इक्विटी वाली हैं जिससे उन्हें अपने नए और पुराने दोनों तरह के व्यवसाय बढ़ाने में मदद मिलेगी। हालांकि कुछ विश्लेषकों का मानना है कि कंपनियों को बिक्री बढ़ाने के लिए मार्जिन के साथ समझौता करना पड़ सकता है।
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