बड़े उतारचढ़ाव के बाद हरे निशान में सेंसेक्स | सुंदर सेतुरामन / मुंबई June 13, 2020 | | | | |
बेंचमार्क सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में करीब 1,200 अंक टूट गया क्योंकि गुरुवार को कोरोनावायरस संक्रमण के दूसरे दौर की चिंता में अमेरिकी बाजार सात फीसदी फिसल गए थे। हालांकि कारोबारी सत्र के दूसरे हिस्से में बाजार में नाटकीय सुधार हुआ, जिसकी वजह यूरोपीय बाजारों और अमेरिकी वायदा बाजारों में आई बढ़त थी।
सेंसेक्स 243 अंक यानी 0.72 फीसदी चढ़कर 33,780 पर बंद हुआ। उतारचढ़ाव भरे कारोबारी सत्र में इंडेक्स में 1,508 अंकों का उतारचढ़ाव देखने को मिला और कारोबारी सत्र में उसने 32,348 अंक के निचले स्तर को और 33,856 अंक के उच्चस्तर को छुआ। निफ्टी-50 इंडेक्स 71 अंक यानी 0.72 फीसदी चढ़कर बंद हुआ। इंडेक्स ने कारोबारी सत्र में 9,544 का निचला स्तर और 9,973 अंक के उच्चस्तर को छुआ।
पिछले दो कारोबारी सत्रों में भी बाजार में इसी तरह का उतारचढ़ाव देखने को मिला था। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि मई मध्य के स्तर से 15 फीसदी उछाल के बाद बाजार को संतुलन का विंदु खोजने में मुश्किल हो रही है। विशेषज्ञों ने कहा, हाल के हफ्तों में तीव्र बढ़ोतरी से एक ओर जहां कई शेयर जरूरत से ज्यादा चढ़े, वहीं दूसरी ओर वैश्विक नकदी और प्रोत्साहन के आक्रामक कदम यहां उतारचढ़ाव बनाए रख रहे हैं।
येस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ अध्यक्ष और संस्थागत शोध प्रमुख अमर अंबानी ने कहा, वैश्विक स्तर पर मौद्रिक नीतियां मांग और अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाली रही है, जो जोखिम वाली परिसंपत्तियों के लिए सहायक है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व परिसंपत्ति खरीद बढ़ा रहा है और नकारात्मक ब्याज दर की संभावना से इनकार किया है, लेकिन अमेरिकी दरें नकारात्मक हो गई हैं। इसी तरह ब्रिटिश सॉवरिन प्रतिफल संकेत देता है कि नकारात्मक ब्याज दरें जल्द आ रही हैं। बैंक ऑफ जापान और यूरोपीय केंद्रीय बैंक भी बैलेंस शीट में विस्तार पर डटे हुए हैं। इक्विटी में मौजूदा उछाल इसी का परिणाम है और सरकारों की तरफ से दिए जा रहे राजकोषीय प्रोत्साहन का भी।
हालांकि आसान मुद्रा वाला कारोबार डगमगाते दिखा है क्योंकि अमेरिका में डाउ जोन्स इंडेक्स गुरुवार को 6.9 फीसदी टूट गया, जो 16 मार्च के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। इसकी वजह यह है कि बाजार में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है और कोविड-19 संक्रमण के दूसरे दौर को लेकर चिंता है।
|