वित्त वर्ष 20 की पहली तिमाही में बढ़ेगी बचत! | इंदिवजल धस्माना / नई दिल्ली June 11, 2020 | | | | |
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कुछ अधिकारियों का मानना है कि लॉकडाउन के कारण खपत कम होने से कुछ परिवारों की शुद्ध वित्तीय परिसंपत्तियां वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में बढ़ सकती हैं। शुद्ध वित्तीय परिसंपत्तियों में परिवार की वित्तीय देनदारियों को घटाकर वित्तीय परिसंपत्तियां शामिल होती हैं।
रिजर्व बैंक के प्रकाशित बुलेटिन में लिखे गए एक लेख में कहा गया है कि आर्थिक गतिविधियों के रफ्तार पकडऩे में सुस्ती भी परिवारों की अतिरिक्त संपत्ति की वजह हो सकती है, जो आने वाली तिमाहियों में इस्तेमाल हो सकती है।
इसमें आगे कहा गया है कि निर्माण गतिविधियां स्थिर हैं, ऐसे में परिवारों के भौतिक से वित्तीय परिसंपत्तियों की ओर जाने की संभावना है। शुद्ध वित्तीय परिसंपत्तियां 2018-19 में सुधार के बाद 2019-20 में इसमें कमी आई थी, जिसका स्तर 2017-18 में जीडीपी के 7.7 प्रतिशत पर पहुंच गया था।
यह लेख रिजर्व बैंक के नैशनल एकाउंट्स एनलिसिस डिवीजन, आर्थिक और नीतिगत शोध विभाक के अधिकारियों ने लिखा है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि यह उन लेखकों का विचार है, रिजर्व बैंक का नहीं।
लेख में कहा गया है कि बैंक परिवारों को उनकी वित्तीय परिसंपत्तियों के आधार पर प्राथमिकता जारी रखेंगे, हालांकि इनमें से कुछ परिसंपत्तियों के म्युचुअल फंडों व बीमा उत्पादों में जाने की संभावना है। उनकी परिसंपत्तियों में बैंक जमा की हिस्सेदारी 52.6 प्रतिशत, जीवन बीमा उत्पादों की 23.2 प्रतिशत मुद्रा की 13.4 प्रतिशत और म्युचुअल फंड उत्पादों की 7 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक के बुलेटिन के मुताबिक सहकारी बैंकों में मार्च 2020 के अंत तक 3.8 प्रतिशत जमा था।
|