भारतमाला में हो सकती है 4 साल की देरी | मेघा मनचंदा / नई दिल्ली June 10, 2020 | | | | |
वैश्विक महामारी कोविड 19 की वजह से सरकार की महत्त्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना में करीब 4 साल की देरी हो सकती है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने आज जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारतमाला परियोजना 2021-22 तक पूरी की जानी थी, लेकिन अब 2025-26 तक पूरी होने की संभावना है। भारतमाला परियोजना के पहले चरण के तहत फरवरी 2020 तक कुल 246 सड़क परियोजनाएं आवंटित की गई थीं, जिनकी कुल लागत 2.38 लाख करोड़ रुपये है।
इक्रा ने कहा है, 'भारतमाला परियोजना के पहले चरण के काम में 4 साल की देरी हो सकती है और अब इसके 2026 में पूरी होने की संभावना है, जबकि वित्त वर्ष 2022 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।'
इक्रा ने कहा है कि फरवरी तक 2.38 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं का आवंटन हुआ है, जिसके आवंटन की औसत लागत 23.80 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर है। यह 15.52 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर के शुरुआती लागत अनुमान से 54 प्रतिशत ज्यादा है।
एनएचएआई के लिए भूमि अधिग्रहण की लागत वित्त वर्ष 2007 से वित्त वर्ष 2019 के बीच 27 प्रतिशत संयुक्त सालाना वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ा है। उस समय यह लागत 0.21 करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर थी, जो अब बढ़कर 4 करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर हो गई है। इक्रा के अनुमान के मुताबिक कोविड-19 के कारण हुई अनिश्चितता और मू्ल्यांकन पर पडऩे वाले इसके असर से संपत्ति मुद्रीकरण योजना भी प्रभावित हो सकती है, जो एनएचएआई ने टोल ऑपरेट ट्रांसफर के (टीओटी) नीलामी के माध्यम से बनाई थी।
यह स्थिति सामान्य होने पर निर्भर होगा, लेकिन परियोजनाओं पर वित्त वर्ष 2021 के अंत से काम शुरू हो सकता है। ऐसे में 2020 में आवंटन रुके रहने की संभावना है।
इक्रा के कॉर्पोरेट रेटिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शुभम जैन ने कहा, 'मार्च 2020 तक भारतमाला परियोजना की 16,219 किमी परियोजनाओं का आवंटन लंबित था, जो इस परियोजना का करीब 47 प्रतिशत है। हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 2021 में आवंटन 3,000 से 32,00 किलोमीटर के बीच रहेगा और इसके बाद आवंटन में फिर तेजी तब आएगी, जब एनएचएआई इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के माध्यम से धन जुटाने की प्रस्तावित प्रक्रिया पूरी कर लेगा।'
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