एयरसेल के लिए यूवी एआरसी की योजना को मंजूरी | टी ई नरसिम्हन / चेन्नई June 09, 2020 | | | | |
यूवी एआरसी (परिसंपत्ति पुनर्गठन फर्म) की समाधान योजना को एनसीएलटी ने मंजूरी दे दी है, जिसने एयरसेल के कुल बैंक कर्ज 20,000 करोड़ रुपये का महज 1.5 फीसदी देने की पेशकश की है।
संपर्क किए जाने पर कंपनी के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने एनसीएलटी के आदेश पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। फरवरी 2018 में कंपनी ने दिवालिया संहिता की धारा 10 के तहत आवेदन किया था, जब कंपनी कर्ज चुकाने में नाकाम हो गई।
कहा गया कि कंपनियां वित्तीय तौर पर उच्च दबाव वाले उद्योग में मुश्किल वक्त का सामना कर रही है क्योंंकि नई कंपनी के प्रवेश के बाद प्रतिस्पर्धा गहरी हो गई है, साथ ही कानूनी व नियामकीय चुनौतियां पैदा हुई हैं और कर्ज बढ़ा है व नुकसान में इजाफा हुआ है।
साल 2008 में एटीऐंडटी ने मैक्सिस की हिस्सेदारी लेने के लिए बातचीत शुरू की, लेकिन मूल्यांकन के कारण यह नाकाम रहा। साल 2011 में जांच एजेंंसियों ने मलेशिया की मैक्सिस बेरहाद को बिक्री की जांच शुरू की, जब सी शिवशंकरन ने आरोप लगाया कि इसके लिए उनपर दबाव डाला गया। साल 2016 में आरकॉम और एयरसेल ने अपने दूरसंचार परिचालन के विलय की घोषणा की। हालांकि नियामकीय व कानूनी अनिश्चितताओं के कारण 2017 में यह सौदा टूट गया।
इस साल फरवरी में परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी ने समाधान योजना पेश की थी।
यूवीएआरसीएल के प्रवर्तकों में छह सार्वजनिक बैंक और दो बीमा कंपनियां शामिल हैं - सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी और नैशनल इंश्योरेंस कंपनी।
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