मॉनसून के पहले सड़क मरम्मत का काम करीब पूरा | मेघा मनचंदा / नई दिल्ली June 08, 2020 | | | | |
कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए की गई देशबंदी के दौरान भी सड़कों की मरम्मत का काम बेअसर रहा है। कुछ खंडों पर वाहन कम रहने के कारण मरम्मत का काम आसानी से किया जा सका। सरकार द्वारा मई में लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद कंपनियां सड़क का रखरखाव का काम पूरा करने में सफल रहीं। बहरहाल कंपनियां अब मॉनसून के बाद ही सड़क निर्माण का काम कर पाएंगी।
एमईपी इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक और चेयरमैन जयंत माहिस्कर ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'जहां तक मॉनसून के पहले के काम का सवाल है, हम रखरखाव का काम कुछ हद तक पूरा करने में सफल रहे हैं। पूरी तरह से निर्माण का काम मॉनसून के बाद ही शुरू किया जा सकेगा।'
विशेषज्ञों का कहना है कि वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सामान्यतया निर्माण गतिविधियों के हिसाब से सबसे व्यस्त समय होता है, लेकिन देशबंदी की वजह से काम प्रभावित हुआ है। बहरहाल उनका मानना है कि रखरखाव का काम बहुत ज्यादा चिंता का विषय नहीं है।
क्रिसिल इन्फ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी में ट्रांसपोर्ट एवं लॉजिस्टिक्स के निदेशक और प्रैक्टिस लीडर जगन्नारायाण पद्मनाभन ने कहा, 'सरकार ने इसे संज्ञान में लिया है और कॉन्ट्रैक्ट की अवधि 6 महीने तक बढ़ा दी है। मॉनसून के बाद यानी तीसरी तिमाही व उसके बाद कामकाज सामान्य हो जाएगा। जिन राज्यों में मॉनसूनी बारिश पहले खत्म हो जाएगी, वे दूसरी तिमाही के अंत में कामकाज सामान्य हो जाएगा।'
उन्होंने कहा कि मुख्य निर्माण की तुलना में रखरखाव संबंधी गतिविधियां कम प्रभावित हुई हैं, लेकिन मॉनसून के समय हमेसा सुस्ती रहती है और ऐसा मरम्मत के मामले में भी होता है। पिछले सप्ताह भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने अपने क्षेत्रीय अधिकारियों और परियोजना निदेशकों को निर्देश दिए थे कि मॉनसून को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों के मरम्मत के काम को प्राथमिकता से किया जाए। मंत्रालय ने कहा था कि इसका मकसद यह है कि मॉनसून सत्र के पहले यानी 30 जून 2020 तक राजमार्ग खंडों पर समय से काम पूरा कर लिया जाए।
एनएचएआई ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों से यह भी कहा था कि संबंधित गतिविधियों की योजना बनाकर समयबद्ध तरीके से उन्हें लागू किया जाना सुनिश्चित करें।
क्षेत्रीय अधिकारियों को रखरखाव गतिविधियों को पूरा करने के मामले में त्वरित फैसला लेने के लिए पर्याप्त वित्तीय अधिकार दिए गए हैं। परियोजना निदेशकों को सलाह दी गई है कि तकनीक संचालित तरीकों से राजमार्गों की स्थिति का आकलन करें। सभी फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि वे समयसीमा के पालन और रखरखाव कार्यों में प्रगति की नियमित निगरानी करें और नियमित अंतराल पर इसकी सूचना प्राधिकरण को देते रहें।
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