बाजार को भा रहा तीन फर्मों वाला दूरसंचार बाजार | राम प्रसाद साहू / मुंबई June 08, 2020 | | | | |
मजबूत तिमाही परिणाम, इस सेक्टर में प्रौद्योगिकी कंपनियों की बढ़ती दिलचस्पी, और अगली कुछ तिमाहियों के दौरान दरों में वृद्घि की संभावना दूरसंचार शेयर पिछले महीने के दौरान सबसे ज्यादा चढऩे वालों में शामिल रहे। कोविड-19 संकट का प्रभाव और डेटा इस्तेमाल में शानदार तेजी से इन शेयरों की लोकप्रियता बढ़ी है।
जहां भारती एयरटेल 11 फीसदी तक चढ़ा, वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) को जियो प्लेटफॉम्र्स में हुए सौदों से मजबूती मिली। इस शेयर में 9 फीसदी की तेजी आई। लेकिन सबसे ज्यादा चढऩे वाला शेयर भारती इन्फ्राटेल (जिसमें 39 फीसदी की तेजी आई) और वोडाफोन आइडिया रहा (यह शेयर इस अवधि के दौरान दोगुना हो गया)। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के अनुसार, भारती समूह के दोनों शेयरों की वजह से दूरसंचार क्षेत्र मार्च के निचले स्तरों से निफ्टी-50 में सबसे ज्यादा चढऩे वाला क्षेत्र रहा, और दिसंबर से निफ्टी में इसका भारांक दोगुना से ज्यादा हो गया है।
इन शेयरों पर सकारात्मक परिदृश्य, (खासकर भारती इन्फाटेल और वोडाफोन आइडिया) इसलिए सुधरा है क्योंकि बाजार का मानना है कि दूरसंचार क्षेत्र दो कंपनी वाला नहीं, बल्कि तीन कंपनी वाला बाजार बना रहेगा। एक विदेशी ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषक ने कहा, 'भारती इन्फ्राटेल और वोडाफोन आइडिया की कीमतों में सुधार इस संभावना को मजबूती मिली है कि सरकार वोडाफोन आइडिया का कायाकल्प सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाएगी।'
बाजार का मानना है कि वोडाफोन आइडिया के बंद होने के दूरसंचार बाजार से अलग कई निहितार्थ होंगे। सरकार को राजस्व नुकसान के अलावा (स्पेक्ट्रम, एजीआर, और कर), दिवालियापन से भी बैंकिंग क्षेत्र का दबाव बढ़ सकता है और विदेशी निवेशक दूर हो सकते हैं।
ऐक्सिस सिक्योरिटीज के मुख्य निवेश अधिकारी नवीन कुलकर्णी का मानना है कि सरकारी समर्थन की उम्मीद के साथ साथ, औसत राजस्व प्रति ग्राहक (एआरपीयू) भी तीन कंपनी वाले बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगा। दिसंबर तिमाही में वोडाफोन आइडिया का एआरपीयू 109 रुपये पर था जो एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 22.5 फीसदी तक ज्यादा था। कंपनी ने मार्च तिमाही में एआरपीयू 3.7 फीसदी बढ़कर 113 रुपये पर पहुंच जाने की उम्मीद जताई। सीएलएसए का मानना है कि प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले 15-19 फीसदी तक कमजोर कंपनी का एआरपीयू वित्त वर्ष 2022 तक 30 फीसदी बढ़ेगा और उसके सदस्यता नुकसान में कमी आएगी। जहां कंपनी का शेयर पिछले तीन महीनों में तिगुना हो चुका है, वहीं ब्रोकरेज फर्म को इसमें और तेजी आने की उम्मीद है और उसने इसके लिए 12 रुपये का कीमत लक्ष्य तय किया है। भारती इन्फ्राटेल की तेजी भी वोडाफोन आइडिया में सुधार पर आधारित है, क्योंकि कंपनी के बंद होने से उसके सभी टावरों के लिए एक बड़ा पट्टेदार रह जाएगा, जो उचित नहीं है।
हालांकि बाजार इस क्षेत्र पर सकारात्मक है, लेकिन जहां तक सेक्टर के दीर्घावधि में तीन कंपनी वाला बाजार बने रहने का सवाल है, तो इसे लेकर सभी का नजरिया एक समान नहीं है। एसबीआईकैप सिक्योरिटीज में इंस्टीट्यूशनल रिसर्च के प्रमुख राजीव शर्मा कहते हैं, 'दूरसंचार क्षेत्र के लिए तीन कंपनी वाले बाजार में केंद्रित होने के लिए वोडाफोन आइडिया को बड़ी हिस्सेदारी के लिए एक प्रमुख निवेशक, समायोजित सकल राजस्व पर विस्तारित भुगतान अवधि, और 4जी पर बड़े पूंजीगत खर्च की जरूरत होगी।' शर्मा का कहना है कि कंपनी को सभी सर्किलों में बाजार भागीदारी बढ़ाने की जरूरत होगी।
जहां इस क्षेत्र की रेटिंग में बदलाव पहले ही आ चुका है, वहीं अब प्रमुख कारक एआरपीयू में और तेजी आना है। पिछली बार दरें दिसंबर में 25-40 प्रतिशत तक बढ़ी थीं। कई विश्लेषकों को भारती एयरटेल के लिए एआरपीयू मौजूदा 154 रुपये से बढ़कर 200 और रिलायंस जियो के लिए 130.6 रुपये पर पहुंच जाने की संभावना है। भारत में जीडीपी अनुपात के मुकाबले कम मोबाइल राजस्व, प्रतिस्पर्धी तीव्रता में कमी, और मूल्य निर्धारण अनुपालन को देखते हुए एआरपीयू में तेजी संभावित है। जेफरीज के विश्लेषकों का मानना है कि इस क्षेत्र का राजस्व वित्त वर्ष 2020 के 19 अरब डॉलर के मुकाबले वित्त वर्ष 2025 तक दोगुना बढ़कर 38 अरब डॉलर हो जाएगा। एआरपीयू भी इस सेक्टर के औसत 108 रुपये से बढ़कर 214 रुपये पर पहुंच जाने की संभावना है। दर वृद्घि के बाद भारती एयरटेल और रिलायंस जियो के लिए मजबूत ग्राहक वृद्घि इसका संकेत है कि ग्राहकों ने दरों में वृद्घि को स्वीकार किया है। एआरपीयू में सुधार मजबूत 4जी ग्राहक संख्या की मदद से भी संभव दिख रहा है।
अल्पावधि में बाजार की नजर एजीआर को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले और वोडाफोन आइडिया का कायाकल्प सुनिश्चित करने के लिए सरकार के प्रयासों पर लगी रहेगी।
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