मेरी आयु 35 वर्ष है और साथ ही मुझ पर 2 लोग आश्रित हैं (पत्नी और 4 वर्षीय बेटा)। मेरे पोर्टफोलियो का विश्लेषण करें और एक उपयुक्त पोर्टफोलियो तथा निवेश राशि के बारे में सुझाव दें ताकि मैं निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति भलीभांति कर सकूं। मेरे वित्तीय लक्ष्य इस प्रकार हैं ... बेटे की उच्च शिक्षा सेवानिवृत्त होने के बाद मौजूदा मासिक खर्चों की तरह ही उस दौरान भी मेरा घर खर्च चल सके। वर्ष 2010 से पहले 50 लाख रुपये की कीमत का फ्लैट खरीदना है जिसमें 35 लाख रुपये का आवास ऋण होगा। नए घर में प्रवेश करने का इरादा है और मौजूदा फ्लैट से 10,000 रुपये प्रति माह किराये की आय आने की उम्मीद है। - क्लिफर्ड आपके मौजूदा निवेश पोर्टफोलियो पर नजर दौड़ाएं तो जाहिर होता है कि आपने रियल एस्टेट में बहुत ज्यादा निवेश कर रखा है। इसके अलावा आपके पोर्टफोलियो में सावधि जमा, नगद, विदेशी शेयर, 6 यूलिप और 3 म्युचुअल फंड शामिल हैं। ऋण जोखिम को उपयुक्त बनाने के लिए आपके पोर्टफोलियो में सावधि जमा को बनाए रखना बेहद जरुरी है, लेकिन आपके तीन म्युचुअल फंड चिंता का विषय बने हुए हैं क्योंकि ये सभी सेक्टर या थीम आधारित हैं और लिहाजा इन्हें आगे आपके लक्ष्यों और उद्देश्यों के लिहाज से प्रमुख निवेश नहीं माना जा सकता है। हालांकि, शुक्र है कि आपने इन फंडों में कम ही मात्रा में निवेश कर रखा है। वहीं दूसरी ओर 6 यूलिप को पोर्टफोलियों में शामिल करना भी चिंता का विषय है, जिनमें आपको सालाना 1.04 लाख रुपये का प्रीमियम भरना पड़ता है और जिनसे आपको 5.5 लाख रुपये का सुरक्षा कवर मिलता है। (तीन योजनाएं जिनकी कवर राशि की आपने हमको जानकारी दी है)। अफसोस की बात है कि आपने अपने वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए यूलिप का रास्ता चुना। अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आपको नए सिरे से एक उपयुक्त पोर्टफोलियो बनाने की जरुरत है। आपके द्वारा मुहैया कराई गई जानकारियों से इतना साफ जाहिर है कि आप अधिकतम 50,000 रुपये प्रति माह का निवेश कर सकते हैं। आपके लक्ष्यों के लिहाज से हम आपको एक आदर्श पोर्टफोलियो बनाने की सलाह देते हैं जिसमें फंडों और योजनाबध्द निवेश योजना (एसआईपी) के रकम शामिल है। लेकिन आदर्श पोर्टफोलियो के साथ आगे जाने से पहले यहां पर कुछ अहम मुद्दे हैं जिन पर कोई नया पोर्टफोलियो बनाने से पहले गौर करना बेहद जरुरी है। यूलिप से पाएं छुटकारा हमारी आपको यह सलाह है कि यूलिप के लिए अभी आप जो प्रीमियम दे रहे हैं उसे रोक दें क्योंकि यह आपके निवेश का काफी खर्चीला हिस्सा है। किसी भी निवेशक को अपने निवेश के साथ कभी भी बीमा को शामिल नहीं करना चाहिए क्योंकि दोनों की जीवन में अलगअलग जरुरतें होती हैं। यूलिप की बजाय आप टर्म बीमा योजनाओं में निवेश कर सकते हैं जिनके प्रीमियम भी कम होते हैं और जो ऊंची जीवन बीमा सुरक्षा भी देती हैं। आपके भविष्य के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए म्युचुअल फंड योजनाओं में निवेश करना बेहतर होगा। उचित पोर्टफोलियो बनाएं आपके मौजूदा म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो पर गौर करें तो जाहिर होता है कि आपने बिना किसी समझदारी और अपने लक्ष्यों एवं उद्देश्यों पर विचार किए बगैर म्युचुअल फंड योजनाओं में निवेश किया है। बहरहाल, आपका तीन म्युचुअल फंडों में निवेश जारी है जो कि टाटा इन्फ्रास्ट्रक्चर, डीएसपीबीआर टाइगर और रिलायंस डाइवर्सिफाइड पॉवर सेक्टर फंड हैं। ये सभी सेक्टर आधारित फंड हैं। मसलन, आपका पोर्टफोलियो ऊर्जा क्षेत्र में अधिक दिखाई दे रहा है जिसमें 33.16 फीसदी का निवेश है। दीर्घावधि उद्देश्यों के लिहाज से किसी भी निवेशक को अधिकांश निवेश का रुख सामान्य डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंडों की ओर रखना चाहिए और न्यूनतम निवेश का रुख ही केवल सेक्टर या थीम आधारित फंडों की ओर रखना चाहिए। अलग लक्ष्य के लिए अलग पोर्टफोलियो आपके द्वारा उल्लेखित दो लक्ष्य दीर्घावधि हैं जिसकी समयावधि भी अलग-अलग है। लिहाजा, हमारी सलाह है कि प्रत्येक लक्ष्य के लिए अलग-अलग पोर्टफोलियो बनाएं ताकि आप इन पर बेहतर तरीके से ध्यान दे सकें। योजनाबध्द निवेश करें आपके लिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि आप योजनाबध्द निवेश योजना (सिप) का दृष्टिकोण अपनाकर निवेश शुरु करें। दीर्घावधि निवेशकों के लिए यह एक उपयुक्त चयन है जो कि आपको न केवल औसतन रुपये की लागत का लाभ दिला सकता है बल्कि इससे अनुशासित निवेश दृष्टिकोण भी सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। पोर्टफोलियो में डेट जोड़ें आपके निवेश का कुछ हिस्सा डेट में भी होना बेहद जरुरी है जिससे बाजार की गिरावट के दौरान शेयरों में कमजोरी आने से होने वाले नुकसान को इनके यानी डेट के जरिए बचाया जा सकता है। जबकि आपने सावधि जमा योजनाओं में ठीक-ठाक निवेश कर रखा है और आपके पास बैंक में नगदी भी जमा है, आपकी जोखिम प्रवृत्ति के आधार पर आप अपने पोर्टफोलियो में डेट फंड का भी समावेश कर सकते हैं। अपने पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित करें उचित फंडों के चयन, इनकी एसआईपी रकम निर्धारित करने और समय रक इस राशि का भुगतान करने तक ही आपका काम सीमित नहीं है। आपके लिए यह पहलू भी काफी महत्वपूर्ण है कि अपने पोर्टफोलियो पर समय-समय पर नजर दौड़ाते रहे और इसे साल में कम से कम एक बार पूर्वनिर्धारित संपत्ति निर्धारण के मुताबिक रीबैलेंस करते रहे। आपको इन सभी मूलभूत सिध्दांतों का पालन करना जरुरी है और अपने लक्ष्यों की आसानीपूर्वक प्राप्ति के लिए सही निवेश के दृष्टिकोण को चुनना भी बेहद जरुरी है। यहां हम आपको कुछ सुझाव दे रहे हैं जिनसे आपको अपना लक्ष्य हासिल करने में मदद मिल सकती है। (भविष्य की रिटर्न की गणना 10 प्रतिशत सालाना रिटर्न मानकर की गई है)। बेटे की शिक्षा समयावधि : 14 वर्ष अनुमानित रकम: 20 लाख रुपये एसआईपी प्रति माह : 6,000 रुपये भविष्य में राशि: 21.2 लाख रुपये फंड एसआईपी रकम (रुपये में) डीएसपीबीआर टॉप 100 इक्विटी 3,000 कोटक 30 3,000 आपके बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए यदि आप 6,000 रुपये प्रतिमाह का निवेश अगले 14 वर्षों तक करते हैं तो आप तयशुदा समयावधि तक 21.2 लाख रुपये का संग्रह कर सकेंगे। सेवानिवृत्त समयावधि : 20 वर्ष अनुमानित राशि : 1.15 करोड़ रुपये एसआईपी राशि : 16,000 रुपये प्रतिमाह ष्टभविष्य में राशि : 1.15 करोड़ रुपये0 फंड एसआईपी रकम (रुपये में) एचडीएफसी टॉप 200 4,000 बिड़ला सनलाइफ इक्विटी 4,000 फ्रैंकलिन इंडिया प्राइमा प्लस 4,000 आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर 2,000 कोटक फ्लेक्सी डेट 2,000 जैसा कि आप पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि आप वर्तमान के रोजमर्रा के खर्चों की भांति ही सेवानिवृत्ति के बाद भी इसी तरह खर्च करने का इरादा रखते हैं, जो 32,000 रुपये प्रतिमाह है। यदि हम मान लें कि 55 वर्ष की आयु में आप सेवानिवृत्त होकर कम से कम 30 वर्षों तक जीवनयापन करते हैं तो आपको मौजूदा स्तर के जीवनशैली की तरह जीवनयापन के लिए लगभग 1.15 करोड़ रुपये की जरुरत पड़ेगी। ऐसे में आपको अगले 20 वर्षों तक एसआईपी के जरिये 16,000 रुपये प्रतिमाह का निवेश करना होगा ताकि आप आसानी से इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। घर समयावधि : एक वर्ष से भी कम समय में अनुमानित रकम :50 लाख रुपये यदि आप इस खरीद के वित्तपोषण के लिए 35 लाख रुपये का आवास ऋण लेते हैं तो आपको अंदाजन 38,000 रुपये की मासिक किस्त भरनी पड़ सकती है ( यह मानते हुए कि ब्याज दर 9.5 फीसदी है और आपको 20 साल तक किस्त भरनी है)। आपको भविष्य में किराये से प्राप्त होने वाली 10,000 रुपये की रकम को आपके मासिक खर्चों और निवेशों के बाद बचने वाली 28,000 रुपये की अतिरिक्त राशि में जोड़ दे तो आपके पास आवास ऋण की मासिक किस्त की अदायगी के लिए पर्याप्त राशि बच जाती है।
