नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बिलो विजुअल लाइन ऑफ साइट (बीवीएलओएस) संचालन के लिए ड्रोन कंपनियों और डिलिवरी स्टार्टअप को मंजूरी दे दी है जिसके बाद वे अपने कंसोर्टिया भागीदारों के साथ परीक्षण की तैयारी में जुट गई हैं। इसकी पात्रता के लिए 13 साझेदार संघों में से प्रत्येक को 100 घंटे तक लंबी दूरी का फ्लाइंग टेस्ट करना होगा और सितंबर के अंतिम सप्ताह तक फ्लाइट टाइम के एनालिटिक्स और लॉग वाली रिपोर्ट नागर विमानन नियामक के पास जमा करनी होगी। इस जानकारी का इस्तेमाल डीजीसीए के तहत बीवीएलओएस प्रयोग आकलन एवं निगरानी (बीम) समिति द्वारा बीवीएलओएस फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए आधार के रूप में किया जाएगा। 13 संघों में से एक थ्रॉटल एयरोस्पेस सिस्टम को इस परियोजना के लिए चुना गया है और जुलाई तक इसका परीक्षण शुरू करने की योजना है। बेंगलूरु स्थित स्टार्टअप को प्रायोगिक परीक्षण करने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा कर्नाटक के गौरीबिदनूर को हवाई क्षेत्र के रूप में दिया गया है। थ्रॉटल एयरोस्पेस के संस्थापक और प्रबंध निदेशक नागेंद्रन कंडास्वामी ने कहा, 'मौजूदा विजुअल लाइन ऑफ साइट (वीएलओएस) नीति के तहत केवल मानचित्रण और निगरानी जैसे बुनियादी बातों की अनुमति दी गई है। बीवीएलओएस के लिए मंजूरी लॉजिस्टिक्स डिलिवरी और हमारे लिए लंबी दूरी के कामों जैसी बढ़ती वाणिज्यिक जरूरतों की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है।' स्टार्टअप ने सुरक्षा प्रबंधन संचालन के लिए अमेरिका स्थित समूह हनीवेल और मानवरहित ट्रैफिक प्रबंधन (यूटीएम) सॉफ्टवेयर के लिए स्विटजरलैंड आधारित इनवोली के साथ साझेदारी की है । भोजन और अन्य ई-कॉमर्स आधारित डिलिवरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल इस क्षेत्र के लिए लंबे समय से एक सपना रहा है। विमानन नियामक द्वारा प्रयोगों के लिए अनुमति देने से ड्रोन के माध्यम से नियमित डिलिवरी के लिए एक कदम और पूरा कर लिया जाएगा। जोमैटो का कहना है कि इसने पिछले साल उसने अपनी ड्रोन डिलिवरी तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। गुरुवार को जोमैटो के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम कुछ समय के लिए ड्रोन के माध्यम से डिलिवरी को मजबूत बनाने पर काम कर रहे हैं और (हम) डीजीसीए को इसका परीक्षण करने के लिए स्वागत करेंगे। हम भारत में भविष्य में हवाई माध्यम के जरिये खाने की डिलिवरी करने को लेकर उत्साहित हैं।' डंजो और थ्रोटल को इससे पहले मार्च में मंजूरी मिली थी जबकि स्पाइसजेट, रिलायंस इंडस्ट्रीज समर्थित एस्टेरिया एयरोस्पेस और नंदन नीलेकणी समर्थित शॉपेक्स ओमनीप्रेजेंट जैसे समूहों को मई के अंतिम सप्ताह में मंजूरी के पत्र मिले थे। बेहतर सेवा वितरण के लिए ड्रोन का उपयोग करने की संभावनाएं ज्यादा हैं। पिछले महीने मंजूरी हासिल करने वाले एक अन्य ड्रोन ऑपरेटर एनारा टेक्नोलॉजीज को परीक्षण के लिए पंजाब और उत्तर प्रदेश में दो हवाई क्षेत्र आवंटित किए गए हैं। एनारा टेक्नोलॉजीज के निदेशक बृजमोहन गंजू ने कहा, 'यह आवश्यक वस्तुओं के वितरण और चिकित्सा आपात स्थिति के दौरान विशेष रूप से उन स्थानों पर पहुंचने की दिशा में बढ़ाया गया कदम है जहां सड़क मार्ग से पहुंचना मुश्किल है।' वर्जीनिया मुख्यालय स्थित कंपनी का नोएडा में एक क्षेत्रीय कार्यालय है जहां इसके दोनों संघों के लिए मंजूरी मिली है जहां जीवन रक्षक दवाओं और रक्त के रूप में आवश्यक स्वास्थ्य आपूर्ति की जाएगी और बाकी के कंसोर्टियम खाद्य वितरण पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
