उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने की कवायद एक बार फिर शुरू की गई है। लखनऊ और कानपुर के बीच प्रस्तावित फिल्म सिटी के लिए योगी सरकार रियायती दरों पर जमीन देगी। कोरोना संकट के दौर में औद्योगिक गतिविधियां तेज करने और नयी परियोजनाओं की शुरुआत में जुटी प्रदेश सरकार ने फिल्म सिटी का काम तेज करने का फैसला किया है। फिल्म नीति को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इसमें संशोधन कर फिल्मसिटी, फिल्म प्रसंस्करण इकाई और ग्रामीण इलाकों में छोटे सिनेमा घरों के निर्माण का रास्ता आसान बनाया जाए। उन्होंने कहा है कि फिल्म सिटी की स्थापना के संबंध में भूमि का परीक्षण करा लिया जाए। साथ ही फिल्म निर्माण के मार्ग में आने वाली समस्याएं दूर करने के लिए प्रयास किए जाएं। उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के सदस्य सचिव एवं सूचना निदेशक शिशिर के मुताबिक फिल्म सिटी के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जिसे जल्द ही सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। लखनऊ और कानपुर के बीच प्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना ट्रांसगंगा औद्योगिक नगरी बनाई जा रही है। इसी औद्योगिक क्षेत्र में फिल्म सिटी को भी जमीन दी जाएगी। प्रदेश सरकार के अधिकारियों का कहना है कि प्राथमिकता के आधार पर फिल्म सिटी को 25 फीसदी सब्सिडी पर जमीन दी जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दी जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रोसेसिंग यूनिट और फिल्म सिटी की स्थापना के संबंध में कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ग्रामीण इलाकों में छोटे सिनेमाघरों के निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए फिल्म नीति में जरुरी संशोधन करेगी। गांवों और कस्बों में 100 सीटों तक की क्षमता वाले सिनेमाघरों के निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश सरकार कई तरह की सहूलियतें देगी। उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन राजू श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जल्दी ही फिल्म सिटी निर्माण का कार्य शुरू होगा। प्रदेश सरकार पहले कई बार फिल्म सिटी बनाने की कवायद कर चुकी है। प्रदेश में भोजपुरी फिल्म निर्माण की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहले गोरखपुर और बाद में वाराणसी में फिल्म सिटी के निर्माण का प्रस्ताव था। वर्तमान में भाजपा सांसद व भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रविकिशन भी लखनऊ-कानपुर के बीच उन्नाव में फिल्म सिटी के निर्माण की पेशकश कर चुके हैं। प्रदेश में भोजपुरी के साथ ही बॉलीवुड की दर्जनों हिंदी फिल्मों, वेबसीरीज और टेलीविजन धारावाहिकों की शूटिंग होती रहती है। कोरोना संकट और लॉकडाउन से पहले साल के शुरुआती दो महीनों में प्रदेश में आधा दर्जन फिल्मों की शूटिंग की जा चुकी है। प्रदेश सरकार अब तक करीब सौ फिल्मों को प्रदेश में अधिकांश हिस्सा शूट करने और स्थानीय कलाकारों को रोजगार देने की शर्त पूरी करने के एवज में सब्सिडी दे चुकी है।
