दोबारा खुलने की तैयारी कर रहे होटल और रेस्तरां | पवन लाल / June 04, 2020 | | | | |
आतिथ्य क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां तथा कारोबारी अपने ग्राहकों तथा मेहमानों की आवभगत के लिए पूरी तैयारी में जुटे हैं। कोरोना संकट के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के कारण लगभग दो महीने से गंभीर संकट का सामना कर रहे इस क्षेत्र ने 8 जून से होटल तथा रेस्तरां खोलने केसरकार के आदेश का स्वागत किया है। आईएचसीएल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी और होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पुनीत छटवाल का कहना है कि सरकार द्वारा कारोबार शुरू करने का संकेत देना स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा, उद्योग सुरक्षा तथा स्वच्छता से जुड़े विभिन्न उपायों पर काम कर रहा है और ये कदम ग्राहकों का विश्वास हासिल करने के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
अगले सप्ताह गोवा, उत्तर प्रदेश तथा कर्नाटक के आईएचसीएल होटल खुलेंगे। छटवाल ने कहा, 'जहां भी संभव होगा तकनीक का उपयोग किया जाएगा। निर्बाध चेक-इन, चेक-आउट और व्यक्ति विशेष के स्वादानुसार भोजन का अनुभव मिलेगा। हम रेस्तरां और डिजिटल या एकल उपयोग मेन्यू के साथ टेबल की संख्या कम हो जाएगी। बुफे अतीत की बात होगी।'
सभी के लिए उपयोग होने वाले क्षेत्र, जैसे लिफ्ट, रेस्तरां, बैंकेट तथा सर्विस क्षेत्र को सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से बदला जाएगा। होटलों में शरीर के अधिक संपर्क में आने वाले क्षेत्रों की सफाई पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। मैरियट इंटरनेशनल के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी के सभी होटल नई मानक संचालन प्रक्रियाओं को लागू करने के अलावा 'स्वच्छता चैंपियन' तथा साफ-सफाई संबंधी प्रक्रियाओं की देखरेख के लिए 'स्वच्छता-प्रभारी' भी नियुक्त करेंगे। प्रवक्ता ने कहा, 'मैरियट होटल की सफाई के लिए बनी गई एसओपी के लिए डाइवरसी तथा इको लैब जैसी स्वच्छता विशेषज्ञ कंपनियों की सलाह ली गई है। साथ ही, कमरे देने के बीच 24 घंटे का अंतराल रखा जाएगा।'
ओबेरॉय होटल ऐंड रिसॉट्र्स के एक प्रवक्ता ने कहा कि नई नीतियों में साफ-सफाई पर जर देने वाले मानक स्वच्छता अभ्यास शामिल हैं। उदाहरण के लिए, ओबेरॉय होटल ने निर्धारित किया है कि उनके लैंडलाइन टेलीफोन को प्रत्येक उपयोग के बाद आर1-सुपर का उपयोग करके साफ किया जाएगा। हर दो घंटे के बाद दस्ताने बदले जाएंगे तथा डोरमैन एव पोर्टर को ब्रेक दिया जाएगा। गुरुग्राम स्थित करीब 700 सदस्यों वाले एक निजी क्लब द-कोरम के संस्थापक तथा मुख्य कार्याधिकारी विवेक नारायण ने बताया कि क्लब अगले सप्ताह खुल रहा है। उन्होंने कहा, 'जरूरी बदलाए किए जाएंगे। सदस्य की यात्रा से पहले आरएसवीपी अनिवार्य होगा। सरकार द्वार जरी ऐप, तापमान की जांच तथा स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।' कोरम में 23,000 वर्ग फुट का कारपेट एरिया है, इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग बड़ा मुद्दा नहीं होगा। नारायण शराब पर प्रतिबंध के साथ सहमति जताते हुए कहते हैं कि शराब सेवन के बाद व्यक्ति अपने निजी स्पेस पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते।
कोविड-19 के प्रभाव को लेकर जारी केपीएमजी की रिपोर्ट के अनुसार घरेलू यात्रियों की मदद से आतिथ्य क्षेत्र जल्दी उबर सकता है। साथ ही, होटल मालिक विस्तार के स्थान पर हालिया संपत्तियों से नकदी जुटाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया कि अल्पावधि में, आतिथ्य क्षेत्र कोरोना प्रसार का मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र द्वारा अपनाए जा रहे मानकों का उपयोग कर सकता है, जैसे लगातार साफ-सफाई, बार बार तापमान की जांच करना आदि।
नैशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अनुराग कटियार का कहना है कि जून के बजाय जुलाई में अधिक रेस्तरां खुलने की संभावना है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नई दिल्ली तथा मुंबई के डाइनिंग हब कोरोना से गंभीर रूप से प्रभावित हैं लेकिन सबसे बड़े आर्थिक क्षेत्र भी हैं। वह कहते हैं, 'श्रमिकों की घर वापसी तथा तत्काल स्तर पर श्रमिकों की कमी के चलते दूसरी पंक्ति के रसोइयों, वेट स्टाफ हाउसकीपिंग और सफाईकर्मी की कमी रहेगी। यह उद्योग का बहुत अहम हिस्सा है।'
सरकारी आदेश के हिसाब से सभी क्षेत्रों में कार्य करने की एडवाइजरी बनाई जा रही हैं लेकिन इस क्षेत्र में इन एडवाइजरी के साथ काम करना सबसे मुश्किल है। कुछ जोन के अनुसार, एक ग्राहक के साथ मेज की न्यूनतम दूरी 75 फुट होनी चाहिए जो खान मार्केट जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में लगभग असंभव है। उन्होंने कहा, 'सीटों की संख्या कम होने से कीमतें बढ़ सकती हैं तथा मेन्यू में खाने की चीजें भी कम रह सकती हैं।'
रेस्तरां में आने वाले प्रत्येक सामान तथा पैकेज को सैनिटाइज करने की आवश्यकता होगी जिसके लिए एक पूरे विभाग की आवश्यकता होगी। कटियार कहते हैं, 'रात 9 बजे के बाद शराब पर रोक से काम नहीं चलेगा और इसकी अनुमति ही न देना सबसे सही होगा।'
रैडिसन होटल ग्रुप में प्रबंध निदेशक एवं उपाध्यक्ष (परिचालन, दक्षिण एशिया) जुबिन सक्सेना का कहना है कि नई प्रक्रियाओं को लागू करना आसान नहीं है। वह कहते हैं, 'हम काम करने के लिए बने इस जटिल वातावरण के प्रति सचेत हैं और हमारे पास सुरक्षा तथा स्वच्छता के लिए नए एसओपी उपलब्ध हैं। हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जाता है कि भविष्य का आतिथ्य क्षेत्र पहले से पूरी तरह बदल जाएगा।'
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