महाराष्ट्र व गुजरात में 3 जून को आने वाले तूफान निसर्ग की संभावनाओं को देखते हुए दूरसंचार विभाग ने मोबाइल सेवा प्रदाताओं के साथ समीक्षा बैठक की। उष्ण कटिबंधीय तूफान निसर्ग महाराष्ट्र और गुजरात के तटवर्ती इलाकों की ओर बढ़ रहा है, जो अगले 12 घंटे में चक्रवात का रूप ले सकता है। कल बुधवार को इसके मुंबई पहुंचने की संभावना है। खबरों के मुताबिक 1882 के बाद यह पहला चक्रवाती तूफान है, जो भारत की वित्तीय राजधानी को प्रभावित करेगा, जहां इस समय कोरोनावायरस के 41,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र और गुजरात में दूरसंचार सेवाएं बहाल रखने की कवायद में दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम उद्योग के साथ बैठक की है। टॉवर ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन के महानिदेशक टीआर दुआ ने कहा, 'इलाके में 24 घंटे सेवाएं बहाल रखने के लिए हमारे सभी सदस्यों ने जरूरी कदम उठाए हैं, जो चक्रवात से प्रभावित हो सकती है। अतिरिक्त डीजल जेनरेटर से, बैटरीबैंक, स्पेयर पाट्र्स, डीजल आदि का इंतजाम किया गया है।' तूफान खगोलीय ज्वार से दो मीचर ऊंचा उठ सकता है, जो मुंबई के निचले तटीय इलाके, थाणे और रायगड़ जिलों में जमीनी इलाकों में प्रवेश करेगा। यह उम्मीद की जा रही है कि इस तूफान से तटीय इलाकों में फूस से बने मकान, झोपडिय़ां, बिजली एवं संचार लाइनें और तटवर्ती इलाकों की फसलें प्रभावित होंगी। दुआ ने कहा, 'हमने मुख्य सचिवों और डीओटी से अनुरोध किया है कि कर्मचारियों व संबंधित सामग्री की एक राज्य से दूसरे राज्य में बाधारहित आवाजाही सुनिश्चित की जाए और ई-पास की व्यवस्था के साथ डीजल की आपूर्ति की जाए।' निसर्ग एक पखवाड़े में आया दूसरा तूफान होगा, जो भारत के तटवर्ती इलाकों को प्रभावित करेगा। 20 मई को आए तूफान अम्फन ने पश्चिम बंगाल में तबाही मचाई थी, जिसमें 80 लोगों की जान चली गई और कई इलाकों में कई दिन तक सेवाएं बाधित रही थी।
