'रियायत अवधि बढ़ाने से कुछ राजमार्गों को लाभ नहीं' | मेघा मनचंदा / नई दिल्ली June 02, 2020 | | | | |
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के पहले चरण में टोल संग्रह में हुए नुकसान की भरपाई करने के विचार से रियायत अवधि में जो विस्तार दिया गया है वह कुछ राजमार्ग परियोजनाओं के लिए जरूरी उपाय करने में विफल हो गया है।
एनएचएआई की ओर से रियायत अवधि में विस्तार से अधिकांश बीओटी (बिल्ट-ऑपरेट-ट्रांसफर) टोल परियोजनाओं के शुद्ध वर्तमान मूल्य के संदर्भ में हुए नुकसान की भरपाई नहीं होती है। परियोजना ऋणों पर पहले मोहलत पाने का विकल्प नहीं चुनने वाली इकाइयों के लिए एनएचएआई से कोविड-19 ऋण तरलता के संदर्भ में सकारात्मक है।
यह देखा जा सकता है कि 18 फीसदी तक की राजस्व हानि और 5 वर्ष तक की बकाया छूट अवधि वाली परियोजनाओं और 10 फीसदी तक की राजस्व हानि और 10 वर्ष तक की बकाया रियायत अवधि वाली परियोजनाओं को तीन महीने की रियायत अवधि से लाभ मिलने की उम्मीद है।
बाकी परियोजनाओं के लिए एनएचएआई की ओर से रियायत अवधि में दिए गए विस्तार से शुद्ध वर्तमान मूल्य संदर्भों में हुए नुकसान की भरपाई नहीं होती है। इक्रा ने एक वक्तव्य जारी कर यह जानकारी दी है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर 26 मार्च, 2020 से 19 अप्रैल, 2020 तक की 25 दिन की अवधि के लिए टोल संग्रह पर रोक लगा दी थी।
इक्रा का कहना है कि इस घटना को रियायत समझौता के उसी राजनीतिक फोर्स मेजर के तौर पर देखा जाना चाहिए था जैसा कि नोटबंदी के दौरान नवंबर, 2016 में जब 24 दिनों के लिए टोल संग्रह पर रोक लगा दी गई थी, तब इसे लागू किया गया था।
रियायत समझौते के मुताबिक किसी राजनीतिक घटनाक्रम के मामले में सभी फोर्स मेजर लागतों, जिसमें ब्याज और परिचालन व रखरखाव (ओऐंडएम) शामिल है, को रियायत प्राधिकरण की ओर से लौटाया जाए और राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए रियायत अवधि में विस्तार दिया जाए। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक टोल संग्रह पर रोक के हालिया 25 दिनों की अवधि के लिए बीओटी टोल रियायतग्राही के लिए कुल ओऐंडएम खर्च और ब्याज लागत अनुमानित तौर पर 649 करोड़ रुपये है।
बीओटी टोल रियायतग्राहियों के लिए एनएचएआई की ओर से घोषित हालिया राहत पैकेज के दो भाग हैं- पहला, टोल निलंबन अवधि के दौरान और उसके बाद की राजस्व हानि की भरपाई रियायत अवधि में तीन से छह महीने का विस्तार देकर की जाएगी। दूसरा, रियायतग्राहियों के लिए कोविड-19 ऋण मुहैया कराई गई है।
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