सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए कर प्रोत्साहन की सिफारिश | समी मोडक / मुंबई June 02, 2020 | | | | |
बाजार नियामक सेबी की तरफ से गठित विशेषज्ञ समिति ने भारत में सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए कर प्रोत्साहन मसलन प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) और पूंजीगत लाभ कर से छूट देने की सिफारिश की है।
टाटा समूह के दिग्गज इशात हुसैन की अझ्यक्षता वाली 15 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन सेबी ने पिछले साल सितंबर में किया था, जिसके लिए जुलाई में आम बजट में प्रस्ताव आया था। सोशल स्टॉक एक्सचेंज का इस्तेमाल वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली निवेश के लिए किया जाता है, जिसका मकसद कुछ निश्चित सामाजिक उद्देश्य हासिल करना होता है।
एसटीटी और पूंजीगत लाभ कर को समाप्त करने के अलावा समिति की सिफारिश है कि परोपकारी दानकर्ताओं को 100 फीसदी कर छूट दावा करने की अनुमति मिलनी चाहिए। साथ ही सोशल स्टॉक एक्सचेंज म्युचुअल फंड ढांचे में पहली बार निवेश करने वाले खुदरा निवेशकों को 100 फीसदी कर छूट की अनुमति मिलनी चाहिए, जिसकी कुल सीमा 1 लाख रुपये हो सकती है।
विशेषज्ञ समिति ने कहा है, एक्सचेंज के जरिये फंडों में स्थायी बढ़ोतरी के लिए बहुआयामी नीतिगत हस्तक्षेप की दरकार है, जो सामाजिक क्षेत्र में फंड के अबाध प्रवाह के अवरोध को कम करेगा और सोशल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध समेत सोशल एंटरप्राइजेज के लिए रकम का नया स्रोत सामने लाएगा। समिति ने क्षमता तैयार करने वाले फंड के तौर पर 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया है, ताकि क्षमता तैयार करने वाली इकाई का सृजन हो जो इस क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहित करेगा।
समिति ने कहा है कि सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर गैर-लाभकारी संगठनों को दी जाने वाली रकम को कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत माना जाना चाहिए। समिति ने देश में सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए विभिन्न मॉडल का सुझाव दिया है। इनमें मैचमेकिंग प्लेटफॉर्म और मौजूदा स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध वैकल्पिक निवेश प्रतिभूतियां शामिल हैं।
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