सरकार द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन में नरमी देने के लिए घोषणाएं किए जाने के बाद सोमवार को प्रमुख सूचकांकों में करीब 3 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली। वैश्विक निवेशकों द्वारा लगातार खरीदारी और अनुकूल मॉनसून की भविष्यवाणी से भी बाजार धारणा को मजबूती मिली है। लगातार चौथे दिन तेजी को बरकरार रखते हुए सेंसेक्स 879 अंक या 2.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 33,303 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 246 अंक या 2.6 प्रतिशत की तेजी के साथ 9,826 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांक 30 अप्रैल के बाद अपने सर्वाधिक ऊंचे स्तरों पर बंद हुए हैं। मिश्रित वैश्विक रुझानों के बीच भारतीय बाजारों में यह तेजी दर्ज की गई है। पिछले 9 कारोबारी दिनों में कमजोर आर्थिक परिदृश्य और कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी के बावजूद सेंसेक्स और निफ्टी में 11 प्रतिशत की तेजी आई है। बाजार कारोबारियों का कहना है कि घरेलू बाजार मई के पहले पखवाड़े में आई गिरावट की भरपाई कर रहे हैं। एवेंडस कैपिटल ऑल्टरनेट स्ट्रेटेजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, 'लोगों में अब कोविड-19 का भय घटा है। अब आप आय और खर्च के आंकड़ों में निचले आधार से तेजी देखेंगे।' वैश्विक निवेशक पिछले एक सप्ताह में घरेलू इक्विटी के मजबूत खरीदार रहे हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सोमवार को 1,575 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। पिछले कारोबारी सत्रों में, उन्होंने घरेलू बाजार में करीब 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया। बाजार कारोबारियों का कहना है कि निवेशकों को वैश्विक समस्याओं, खासकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव और अमेरिका में सामाजिक अशांति को देखते हुए सतर्क रहने की जरूरत होगी। वेलेंटिना एडवायजर्स के मुख्य कार्याधिकारी ज्योतिरावद्र्घन जयपुरिया ने कहा, 'इसे लेकर चिंताएं बरकरार हैं कि चीन के खिलाफ अमेरिका क्या कदम उठाएगा। लेकिन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया नरम दिखी है और इससे एशियाई बाजारों में उत्साह बढ़ा है। भविष्य में बाजारों की नजर कोविड-19 से निपटने के लिए चिकित्सीय उपलब्धि पर लगी रहेगा और यह देखने की जरूरत होगी कि क्या संक्रमण के मामलों में तेजी आ रही है। यदि संक्रमण के मामलों में तेजी आती है तो हम फिर से लॉकडाउन के शिकार हो सकते हैं। यह याद दिलाने की जरूरत है कि मामलों में तेजी के बावजूद भारत ने लॉकडाउन में ढील दी है। हम आपूर्ति शृंखला को कितनी जल्द पटरी पर ला सकते हैं, इस पर ध्यान दिए जाने की भी जरूरत होगी। लोग श्रम की किल्लत की बात कर रहे हैं।' सरकारी अधिकारियों ने मॉल, रेस्तरां और पूजा स्थलों को 8 जून से चरणबद्घ तरीके से खोले जाने की योजनाओं की घोषणा की है। हालांकि उन इलाकों में सख्त लॉकडाउन बना रहेगा जहां कोरोना के ज्यादा मामले हैं।
