अप्रैल में हताशा झेलने के बाद मई में वाहन कंपनियों का कारोबार कमजोर रफ्तार से ही सही, लेकिन शुरू हो गया। अप्रैल में वाहन कंपनियां लगभग न के बराबर गाडिय़ा बेच पाई थीं, लेकिन मई में मामूली बिक्री ने इन पर दबाव थोड़ा जरूर कम कर दिया है। हालांकि आलोच्य महीने में बिक्री पिछले वर्ष की इसी अवधि की बिक्री की मात्र 20 प्रतिशत ही रही, लेकिन मार्के की बात यह है कि कंपनियां 15 मई के बाद ही परिचालन शुरू कर पाई थीं। इतना ही नहीं, संयंत्रों में उत्पादन कार्य शुरू होने के बाद भी सीमित क्षमता का ही इस्तेमाल हो पाया और लॉकडाउन की वजह से आपूर्ति तंत्र सहित कई तरह की दिक्कतों का सामना वाहन कंपनियों को करना पड़ा। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजूकी मई में घरेलू बाजार में 13,865 कार बेच पाई। देश में कोविड-19 महामारी शुरू होने से ठीक पहले तीन दिनों में कंपनी जितने वाहनों का उत्पादन किया था बिक्री का आंकड़ा उससे थोड़ा ही अधिक है। मारुति सुजूकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा कि वाहनों के उत्पादन में धीरे-धीरे तेजी लाई जाएगी। भार्गव ने यह भी कहा कि मौजूदा रुझान के मद्देनजर भविष्य में कारोबार को लेकर उनके मन में किसी तरह का नकारात्मक भाव नहीं है। उन्होंने कहा,'अब तक मांग, उत्पादन और बिक्री में तेजी की मांग जायज है, लेकिन निकट अवधि में कारोबार लॉकडाउन से पहले के स्तर पर पहुंचता नहीं दिख रहा है।' भार्गव के अनुसार कोविड-19 महामारी से पहले के आंकड़े चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में ही देखने को मिल सकते हैं। मौजूदा परिस्थितियों में किसी भी वाहन कंपनी के लिए उत्पादन सामान्य स्तर तक ले जाना आसान नहीं होगा। भार्गव ने कहा,'यह समझने में थोड़ा वक्त लगेगा कि मांग आपूर्ति से अधिक है या मामला ठीक इसका उलटा है। यह वर्ष कैसा रहेगा इसका मोटा अंदाजा लगाने में कम से कम अगले दो महीने में पता चल पाएगा।' वाहन उद्योग के लोगों को लगता है कि इस इस वर्ष की दूसरी छमाही में उत्पादन का आंकड़ा 2019-20 के स्तर को छू लेने की संभावना दिख रही है। कंपनी ने मानेसर और गुरु ग्राम संयंत्रों में क्रमश: 12 और 18 मई से उत्पादन शुरू किया था। सुजूकी मोटर के गुजरात में उत्पादन 25 मार्च से शुरू हुआ था। यह संयंत्र मारुति सुजूकी के लिए अनुबंध के आधार पर कारों का उत्पादन करता है। मारुति के अलावा कुछ दूसरी कंपनियों ने भी बिक्री के आंकड़े जारी किए हैं, जो पिछले वर्ष के मुकाबले काफी कम रहे हैं। हुंडई मोटर, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम)और टोयोटा किर्लोस्कर की बिक्री में जबरदस्त कमी आई है। इन कंपनियों ने कहा कि एक वर्ष पहले की अवधि के मुकाबले इनकी बिक्री के आंकड़े क्रमश: 84 प्रतिशत, 81 प्रतिशत और 86 प्रतिशत कम रहे हैं। एमऐंडएम में ऑटोमोटिव डिविजन में मुख्य कार्याधिकारी विजय नाकरा ने कहा,'कोविड-19 के बाद पैदा हालात के कारण मई में हमारी बिक्री कमजोर रही है।' नाकरा ने कहा कि कंपनी को अपने व्यावसायिक वाहन एवं एसयूवी ब्रांड जैसे बोलेरो और स्कॉर्पियो के लिए लोगों में दिलचस्पी दिखी है। हालांकि विश्लेषकों को हालात जल्द सामान्य होने की उम्मीद नहीं है।
