स्थिर आय निवेश में विविधता तो ही अच्छा | |
संजय कुमार सिंह और बिंदिशा सारंग / 06 01, 2020 | | | | |
भारतीय स्टेट बैंक सितंबर, 2016 में अपनी एक साल की स्थिर जमा (एफडी) योजना पर 7.15 फीसदी ब्याज दे रहा था। लेकिन 12 मई, 2020 को ब्याज दर में हुए बदलाव के बाद इसी एफडी पर केवल 5.50 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा था। भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में रीपो दर में 40 आधार अंक की कटौती की है, जिसके बाद बुधवार को स्टेट बैंक ने भी एफडी पर ब्याज दर 40 आधार अंक घटा दिया। दूसरे बैंक भी ऐसा ही कदम उठा सकते हैं। जाहिर है कि एफडी जैसी स्थिर आय योजनाओं में निवेश करने वालों के लिए यह बुरी खबर है मगर अलग-अलग परिपक्वता अवधि वाली कई योजनाएं चुनी जाएं तो ब्याज दरों में गिरावट से कुछ हद तक महफूज रहा जा सकता है।
अगर आप बैंकों की योजनाओं में ही पैसा लगाना चाहते हैं तो निवेश का कुछ हिस्सा लघु वित्त बैंकों में भी लगाया जा सकता है। पैसाबाजार डॉट कॉम के मुख्य कार्य अधिकारी और सह-संस्थापक नवीन कुकरेजा इसका फायदा बताते हैं। वह कहते हैं, 'कुछ लघु वित्त बैंकों में एफडी पर ब्याज की अधिकतम दर सरकारी बैंकों और निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों में एफडी पर मिलने वाली अधिकतम ब्याज दर से कम से कम 200 से 300 आधार अंक यानी 2-3 फीसदी तक ज्यादा है।' कुकरेजा के हिसाब से इसमें कोई नुकसान भी नहीं है क्योंकि लघु वित्त बैंकों में एफडी के तहत जमा रकम भी जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम के जमा बीमा कार्यक्रम के तहत सुरक्षित है। निगम रिजर्व बैंक की सहायक संस्था है और अनुसूचित बैंकों में रकम जमा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की 5 लाख रुपये तक की राशि का यह बीमा करती है। प्रतिफल किसे नहीं भाता मगर आपको ऊंचे प्रतिफल और सुरक्षा के बीच संतुलन का भी ध्यान रखना चाहिए। इक्विरस वेल्थ मैनेजमेंट के मुख्य कार्य अधिकारी अंकुर माहेश्वरी कहते हैं, 'पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक और येस बैंक में हुई घटनाओं को ध्यान में रखते हुए आपको अलग-अलग जगह एफडी करानी चाहिए। कई एफडी कराएं, जिनमें एक मजबूत स्थिति वाले सरकारी बैंक में, एक निजी क्षेत्र के बेहतरीन बैंक में और एक लघु वित्त बैंक में रखें। एफडी में निवेश के लिए जो भी रकम आपके पास है, उसमें से 40-40 फीसदी सरकारी और निजी बैंक में रखें और 20 फीसदी रकम की एफडी लघु वित्त बैंक में कराएं।'
छोटी बचत की बात करें तो कई योजनाएं अच्छा प्रतिफल दे रही हैं। लेकिन उनमें से अधिकतर में आपके हाथ से तरलता खत्म हो जाती है। मिसाल के तौर पर सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) को ही लें। इसमें सालाना 7.1 फीसदी ब्याज मिलता है, जिस पर किसी तरह का कर नहीं लगता। प्रमाणित वित्तीय योजनाकार और लैडर7 फाइनैंशियल एडवाइजरी के संस्थापक सुरेश सदगोपन कुछ और योजनाएं गिनाते हैं। वह कहते हैं, 'वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और प्रधानमंत्री वय वंदना योजना बुजुर्गों के लिहाज से शानदार योजनाएं हैं।' वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में सालाना 7.4 फीसदी प्रतिफल मिल रहा है, जिस पर कर वसूला जाता है। प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की अवधि इसी महीने बढ़ा दी गई है। इस योजना में चालू वित्त वर्ष के लिए 7.40 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा। इसके प्रतिफल पर भी कर वसूला जाता है और हर साल 1 अप्रैल को इसकी ब्याज दर बदल दी जाती है।
यदि आप बेटी के माता-पिता हैं और आपकी बेटी की उम्र 10 साल से कम है तो आप सुकन्या समृद्धि योजना के तहत उसके लिए खाता खोल सकते हैं। इस योजना में 7.6 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है और योजना परिपक्व होने पर किसी तरह का कर नहीं वसूला जाता। 7.75 फीसदी सालाना ब्याज देने वाले स्वर्ण बॉन्ड का विकल्प भी अच्छा है मगर इसके ब्याज पर भी कर चुकाना पड़ता है। निवेशक डेट फंड पर भी विचार कर सकते हैं क्योंकि उसमें तरलता बनी रहती है और तीन साल से अधिक समय के लिए निवेश किया जाए तो कर की चिंता भी नहीं होती। इसमें ओवरनाइट फंड सबसे सुरक्षित विकल्प हैं क्योंकि उनमें एक दिन के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। अगले दिन आप 91 दिन में परिपक्व होने वाली सरकारी प्रतिभूति में निवेश कर सकते हैं। अगर आप इससे कुछ अधिक समय में परिपक्व होने वाले फंडों में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास 1 साल तक की अवधि वाले फंडों का विकल्प है, जिनमें अवधि से जुड़ा जोखिम कम होता है। सदगोपन कहते हैं, 'कम अवधि वाली कई फंड योजनाओं ने पिछले कुछ समय में अपने निवेश पोर्टफोलियो में बदलाव किया है और अच्छी गुणवत्ता वाली प्रतिभूतियों में निवेश शुरू कर दिया है।'
जिन निवेशकों को जोखिम लेने से परहेज नहीं है, वे 2-3 साल की अवधि वाले फंडों का दामन थाम सकते हैं। फंड्सइंडिया डॉट कॉम में शोध प्रमुख अरुण कुमार कहते हैं, 'अगर आप इस समय इन फंडों में निवेश करते हैं और ब्याज दर आगे जाकर लुढ़क जाती हैं तो आपको रिटर्न किकर मिलेगा, जो अगले कुछ महीनों या साल तक मिलने वाले कम प्रतिफल की भरपाई करेगा।'
भारत बॉन्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को भी अच्छे खासे लिवाल मिल रहे हैं। एडलवाइस म्युचुअल फंड की मुख्य कार्य अधिकारी राधिका गुप्ता कहती हैं, 'इसमें क्रेडिट से जुड़ा कोई जोखिम नहीं है क्योंकि यह सार्वजनिक उपक्रमों के एएए रेटिंग वाले बॉन्डों में ही निवेश करता है। साथ ही इसमें तरलता होती है और आप समूची अवधि के लिए निवेश कर अवधि से जुड़े जोखिम को भी किनारे कर सकते हैं।' 2023 ईटीएफ में इस समय 5.68 फीसदी प्रतिफल मिल रहा है और 2030 ईटीएफ 6.69 फीसदी प्रतिफल दे रहा है। 2025 और 2031 ईटीएफ जुलाई में आएंगे। इन सबके बाद भी आप निवेश के विकल्प खंगाल रहे हैं तो आपके लिए बैंकिंग और पीएसयू फंड भी हैं। जो फंड 3 साल तक की परिपक्वता अवधि के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं, आप उन पर विचार कर सकते हैं।
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