टिड्डियों के तेज प्रसार की संभावना कम | संजीव मुखर्जी / नई दिल्ली May 30, 2020 | | | | |
भारत में टिड्डियों के तेज प्रसार की संभावना कम है, क्योंकि इस समय उनके मौजूदा निवास स्थानों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र टिड्डियों के प्रजनन के आदर्श केंद्र नहीं हैं। हालांकि अब से लेकर जुलाई की शुरुआत तक पश्चिमी राजस्थान में इनकी खेप के पहुंच जाने की संभावना है। एफएओ के टिड्डी नियंत्रण आयोग के दक्षिण एशिया के सचिव कीथ क्रेसमैन ने यह जानकारी दी है।
टिड्डियों की नई झुंड अफ्रीका के पूर्वी इलाकों से आएगी।
एफएओ में वर्षों से डेजर्ट टिड्डियों की आवाजाही का अध्ययन कर रहे और कीट व उसके व्यवहार के जाने माने जानकार क्रेसमैन ने कहा कि डेजर्ट टिड्डियों के लिए मध्य और उत्तरी भारत अनुकूल जगह नहीं है, क्योंकि यह उनके प्रजनन की आदर्श जगह नहीं है और मॉनसून आते ही वे अपने प्रिय इलाके पश्चिमी राजस्थान चली जाएंगी।
सेंटर फॉर साइंस ऐंड एनवायरमेंट (सीएसई) के सहयोग से टिड्डियों के हमले पर आयोजित एक वेबिनॉर में उन्होंने यह जानकारी दी। हाल के वर्षों में भारत पर टिड्डियों का सबसे बुरा हमला हुआ है। फसलों को नष्ट कर देने वाले झुंड का सबसे पहले राजस्थान पर हमला हुआ। उसके बाद अब यह झुंड पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और यहां तक कि महाराष्ट्र तक पहुंच गया है।
वेबिनॉर की अध्यक्षता कर रहीं सीएसई की महानिदेशक और जानी मानी पर्यावरणविद सुनीता नारायण ने कहा कि टिड्डियों के हमले और पर्यावरण परिवर्तन में सीधा संबंध है और हमें इस समस्या के समाधान के लिए वैश्विक नेतृत्व की जरूरत है क्योंकि हम एक दूसरे से जुड़ी दुनिया में रह रहे हैं।
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