लॉकडाउन 5 की बात, फैसला अब राज्यों के हाथ | |
बीएस संवाददाता / नई दिल्ली/कोलकाता/ चेन्नई/ लखनऊ/मुंबई 05 29, 2020 | | | | |
लॉकडाउन के चौथे चरण की समय सीमा निकट आने के साथ ही सरकार के स्तर पर गहमागहमी बढ़ गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मौजूदा स्थिति और लॉकडाउन बढ़ाने के विषय पर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राय जानने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इससे अवगत करा दिया है।
इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 1 जून से राज्य में गतिविधियों में बड़े पैमाने पर छूट देने की घोषणा की है। लॉकडाउन का चौथा चरण रविवार शाम को खत्म हो रहा है और केंद्र के नए दिशानिर्देशों का इंतजार हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में भी आगे की रणनीति की ओर इशारा कर सकते हैं। राज्यों के बीच अगले लॉकडाउन के अगले चरण (अगर यह बढ़ाया जाता है) को लेकर आम सहमति नहीं है। पश्चिम बंगाल, पंजाब, कर्नाटक जैसे राज्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए और ढील देने की मांग कर रहे हैं।
दूसरी तरफ झारखंड और हरियाणा जैसे राज्यों का कहना है कि आर्थिक हितों को आगे रखने से कोविड-19 के प्रसार का जोखिम और बढ़ सकता है। ये लॉकडाउन बढ़ाए जाने के पक्ष में हैं। पश्चिम बंगाल ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में 8 जून से सभी सरकारी और निजी कायार्लय पूरी क्षमता से काम करेंगे। जूट और चाय उद्योगों को भी पूरी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति होगी। इसके लिए लिए तैयारी के तौर पर सार्वजनिक परिहवन, खासकर बसों को बैठने की क्षमता के अनुसार परिचालन की अनुमति दी जाएगी। इससे पहले राज्य ने बसों में अधिकतम 20 लोगों को यात्रा करने की इजाजत दी थी।
पश्चिम बंगाल के साथ ही कनार्टक ने भी 1 जून से धार्मिक स्थान खोलने का निर्णय लिया है। कर्नाटक सोमवार से रेस्तरां और थिएटर भी खोलने के पक्ष में हैं, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार लेगी। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को उद्योगपतियों के एक समूह को कहा कि राज्य सरकार अगले कुछ दिनों में सभी गतिविधियां पूरी तरह शुरू करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 78 प्रतिशत उद्योगों ने परिचालन शुरू कर दिया है और करीब 68 प्रतिशत प्रवासी मजूदरों ने पंजाब में बने रहने का निर्णय लिया है। गृहमंत्री शाह के मुख्यमंत्रियों से बात करने के बाद राजीव गाबा ने भी राज्य के अधिकारियों के साथ चर्चा की है। केंद्र कोविड-19 नियंत्रण क्षेत्रों को छोड़कर बाकी सभी जोन में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने पर विचार कर रहा है।
इतना तो तय लग रहा है कि सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे, लेकिन मेट्रो सेवाएं, होटल, मॉल और थिएटर शुरू होने पर फिलहाल स्थिति साफ नहीं है। यह भी एक बड़ा सवाल है कि देश में कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों- मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद, ठाणे, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता, हावड़ा, इंदौर, जयपुर, जोधपुर, चेंगलापट्टु और तिरुवल्लुवर शामिल हैं। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए मॉल में दुकानें खोलने पर निर्णय जल्द लिया जाएगा।
सूत्रों ने संकेत दिए कि तमिलनाडु के जिन हिस्सों में कोविड-19 के नए मामले नहीं दिखे हैं, वहां काफी छूट दी जाएगी। तेलंगाना और आंध प्रदेश जैसे राज्यों का रवैया सतर्क रहा है, क्योंकि कोविड मामले और इससे मौत दोनों की संख्या बढ़ रही है। दोनों राज्य सरकारों ने कोई अतिरिक्त ढील नहीं मांगी है। हालांकि महाराष्ट्र में कोई विशेष ढील दिए जाने की उम्मीद नहीं है। समझा जा रहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आपात सेवा के लिए उपनगरीय रेल सेवा शुरू करने का आदेश दिया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने कहा कि उनकी सरकार लॉकडाउन हटाने की जल्दबाजी नहीं करेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को रात को राज्य के शीर्ष जिला अधिकारियों के साथ मौजूदा हालात की समीक्षा करने वाले थे।
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