टाटा-जेएलआर को रकम जुटाने में होगी दिक्कत | कृष्ण कांत और देव चटर्जी / मुंबई May 29, 2020 | | | | |
बॉन्ड बाजार टाटा मोटर्स और उसकी ब्रिटिश सहायक इकाई जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) दोनों के लिए आगे की चुनौतीपूर्ण राह का संकेत दे रहा है, क्योंकि उन्हें बिक्री को लेकर संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। जेएलआर बॉन्डों पर प्रतिफल मार्च के शुरू में महामारी बढऩे के बाद से दोगुना हो गया है और इसमें नरमी नहीं दिख रही है।
जेएलआर के बॉन्ड 13.2 फीसदी के रिकॉर्ड प्रतिफल पर कारोबार कर रहे हैं, जो वाहन उद्योग में सर्वाधिक प्रतिफल में से एक है और जनरल मोटर्स के मुकाबले लगभग तीन गुना और टोयोटा मोटर की तुलना में 10 गुना है। विश्लेषकों का कहना है कि इस वजह से जेएलआर को संयंत्र बंद होने के कारण अपने नकदी प्रवाह में आई कमी को पूरा करने के लिए अतिरिक्त पूंजी जुटाना मुश्किल होगा। ब्रिटिश कंपनी वित्तीय संकट से मुकाबले के लिए ब्रिटेन सरकार से 1 अरब पौंड की मदद पहले ही मांग चुकी है।
विश्लेषकों का कहना है कि यदि जेएलआर अपने मौजूदा बॉन्ड प्रतिफल पर ऋण लेने के लिए बाध्य हुई तो उसका परिचालन बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज बेंज, टोयोटा, और जनरल मोटर्स जैसी प्रतिस्पर्धियों की तुलना में गैर-प्रतिस्पर्धी हो जाएगा। उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियां कम लागत पर पूंजी उगाही में सफल रही हैं।
मौजूदा बॉन्ड कीमत पर, जेएलआर को बॉन्ड बाजार से अमेरिकी डॉलर में रकम उधार लेने के लिए 13 फीसदी का ब्याज चुकाना होगा, जबकि उसकी पैतृक टाटा मोटर्स को अमेरिकी डॉलर में पूंजी उगाही पर करीब 10 फीसदी ब्याज देना होगा। इसके विपरीत पिछले साल जेएलआर के बॉन्ड पर प्रतिफल काफी गिर गया था और कैलेंडर वर्ष 2019 में यह औसत 6.2 फीसदी रहा।
फरवरी में, जेएलआर ने अपने परिचालन के लिए पूंजी उगाही के लिए बॉन्ड बेचने की योजना टाल दी थी। कोरोनावायरस महामारी की वजह से कंपनी की वित्तीय स्थिति प्रभावित हुई है जिससे उसे पिछले सप्ताह ब्रिटेन सरकार से राहत पैकेज मांगने के लिए बाध्य होना पड़ा था।
तुलनात्मक तौर पर, जनरल मोटर्स की उधारी लागत लगभग 4 फीसदी है, जबकि किया मोटर्स के लिए यह 3.1 फीसदी, टोयोटा मोटर कॉर्प के लिए 1.4 फीसदी और बीएमडब्ल्यू बॉन्ड 2.37 फीसदी के प्रतिफल पर कारोबार कर रहे हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि अपनी वित्तीय समस्याओं से मुकाबले के लिए जेएलआर को अपने प्रवर्तक से इक्विटी सहायता की जरूरत पड़ सकती है। अंतरराष्ट्रीय बा्रेकरेज फर्म सीएलएसए का मानना है कि टाटा संस लगभग 6,500 करोड़ रुपये का निवेश टाटा मोटर्स में करेगी, जिससे कि वह वित्त वर्ष 2021 में अपना परिचालन बरकरार रख सके। टाटा संस के एक अधिकारी ने इस संबंध में भेजे ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया है। टाटा मोटर्स के एकीकृत राजस्व में जेएलआर का लगभग तीन-चौथाई योगदान है। सीएलएसए का मानना है कि वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 2021 में टाटा मोटर्स के यात्री कार व्यवसाय (जेएलआर शामिल) के मुक्त नकदी प्रवाह में करीब 40,000 करोड़ रुपये की कमी दर्ज की जाएगी।
जेएलआर रेटिंग एजेंसियों की जांच के घेरे में भी बनी हुई है। फिच रेटिंग्स ने जेएलआर की लॉन्ग-टर्म इश्यूअर डिफॉल्ट रेटिंग (आईडीआर) को घटा दिया है और सीनियर अनसिक्योर्ड रेटिंग को बी+ से घटाकर बी कर दिया है।
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