आय में गिरावट | संपादकीय / May 28, 2020 | | | | |
बीते दो कारोबारी सत्रों में शेयर बाजार में तेज उछाल के बावजूद बीती तिमाही (जनवरी-मार्च 2020) में कारोबारी जगत का प्रदर्शन निराशाजनक बना रहा। इस अवधि में व्यापक तौर पर राजस्व में गिरावट तथा मुनाफे और मार्जिन में कमी देखने को मिली। 295 सूचीबद्ध कंपनियों का विश्लेषण बताता है कि कुल आय, परिचालन लाभ और कर पश्चात लाभ में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में क्रमश: 1.8 फीसदी, 4.9 फीसदी और 11.6 फीसदी की कमी आई। अधिक बारीकी से नजर डालें तो अगर रिफाइनरी और बैंकों को नमूनों से हटा दिया जाए तो अन्य क्षेत्रों का परिचालन राजस्व 2.7 फीसदी गिरा जबकि कर पश्चात लाभ 10.6 फीसदी घटा। यदि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को भी हटा दिया जाए तो परिचालन राजस्व 1.6 फीसदी घटा जबकि कर पश्चात लाभ 8.4 फीसदी कम हुआ। गैर वित्तीय, गैर तेल और गैर बैंकिंग कारोबारों का परिचालन मार्जिन भी 26.2 फीसदी से घटकर 25.3 फीसदी रह गया। इतना ही नहीं आय की गुणवत्ता में भी गिरावट आई हो सकती है क्योंकि अन्य प्रकार की आय में 15.9 फीसदी की उछाल देखी गई जो स्थायी नहीं हो सकती।
निजी क्षेत्र की कई बड़ी कंपनियों ने नतीजे घोषित कर दिए लेकिन अधिकांश सरकारी उपक्रमों के नतीजे आने अभी शेष हैं। बैंकिंग और रिफाइनिंग क्षेत्र के कमजोर रुझान को देखें तो ये दोनों क्षेत्र संकट में पड़ सकते हैं क्योंकि इनमें सरकारी क्षेत्र की कई बड़ी कंपनियां हैं। बैंकिंग क्षेत्र के कर पश्चात लाभ में 17 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि अभी सिर्फ 12 फीसदी बैंकों ने ही नतीजे घोषित किए हैं। इनमें भी ऐक्सिस बैंक और येस बैंक का प्रदर्शन सर्वाधिक खराब रहा और उन्हें भारी घाटा हुआ। रिफाइनिंग में रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्जिन और मुनाफा दोनों कम हुआ है। कंपनी को कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के कारण इन्वेंटरी मूल्य कम होने के कारण भी अप्रत्याशित नुकसान वहन करना पड़ा।
सीमेंट क्षेत्र का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा। अल्ट्राटेक, श्री सीमेंट और अंबुजा सीमेंट ने अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि अन्य बुनियादी उद्योगों की हालत इतनी अच्छी नहीं रही। इस्पात उद्योग में जेएसडब्ल्यू स्टील को घाटा हुआ जबकि उत्तम गैल्वा को पिछले साल से भी अधिक नुकसान सहना पड़ा। बिजली उत्पादन क्षेत्र की आठ कंपनियों का कर पश्चात लाभ पिछले साल के 265 करोड़ रुपये की लाभ की तुलना में इस वर्ष घाटे में रहा।
दूरसंचार क्षेत्र में रिलायंस जियो और भारती एयरटेल दोनों के नतीजे उत्साहवर्धक रहे। खपत की कमी जरूर चिंता का विषय रही। दैनिक उपभोग की उपभोक्ता वस्तुओं की 11 कंपनियों ने अपने नतीजे घोषित किए हैं और उनका कुल कर पश्चात लाभ 24.5 फीसदी तथा परिचालन आय 4 फीसदी घटी है। केवल तीन वाहन निर्माता कंपनियों ने अपने नतीजे घोषित किए हैं लेकिन उनका मुनाफा 9.9 फीसदी घटा है जबकि परिचालन आय में 14.9 फीसदी की कमी आई है। बड़े निर्यात आधारित उद्योगों में आईटी की 38 कंपनियों ने नतीजे घोषित किए और रुपये में उनकी आय 8.2 फीसदी बढ़ी है जबकि कर पश्चात लाभ 1.4 फीसदी बढ़ा। बहरहाल सभी बड़ी आईटी कंपनियों ने काफी सतर्कता बरती है।
इन नतीजों को देखें तो पहली तिमाही (अप्रैल से जून 2020) में हालत बुरी रहेगी। दो महीने का समय लॉकडाउन में चला गया और इस दौरान खपत में भी भारी गिरावट दर्ज की गई। बड़े पैमाने पर बेरोजगारी भी आने वाले दिनों में असर दिखाएगी। ऐसे में यह देखना महत्त्वपूर्ण होगा कि कंपनियां कितनी जल्दी सामान्य स्थिति में पहुंचती हैं। कारोबारी प्रतिबंधों में विस्तार क्षमता के पूरे इस्तेमाल को बाधित करेगा। यदि रिकवरी में देरी होती है तो इसका असर भी बाजार पर पड़ेगा।
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