विदेश के पांच हवाईअड्डों से लाए जाएंगे भारतीय | अनीश फडणीस / May 27, 2020 | | | | |
विदेश मंत्रालय एयर इंडिया और अन्य विदेशी विमानन कंपनियों के साथ मिलकर अदीस अबाबा, एम्स्टर्डम, लंदन, फ्रैंकफर्ट और न्यूयॉर्क के विमानन केंद्रों के जरिये फंसे भारतीयों को लाने के लिए योजना बना रहा है।
बुधवार को इस तरह की पहली उड़ान में एम्स्टर्डम से केएलएम बोइंग 777 विमान पर सवार होकर 275 से अधिक भारतीय मुंबई पहुंचे। स्वदेश लौटने वालों में मैक्सिको, पेरू, पुर्तगाल और नीदरलैंड में फंसे भारतीय शामिल थे।
सरकार ने विभिन्न देशों से 300,000 से अधिक भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए 'वंदे भारत मिशन' की शुरुआत की। 7 मई से एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमानों के जरिये करीब 34,000 लोग पहले ही स्वदेश लौट चुके हैं। मालदीव से एक नौसैनिक जहाज में करीब 1,500 भारतीयों को देश में लाया गया और करीब 800 भारतीय विदेशी जहाजों पर वापस लौटे हैं। विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया, 'हमें दुनिया भर से स्वदेश वापसी के लिए अनुरोध मिल रहा है। खासतौर पर अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका या पूर्वी यूरोप में ऐसे कई देश हैं जहां से भारत के लिए सीधी उड़ानें नहीं हैं। एयर इंडिया के विमान का संचालन केवल एक ही देश से 50-100 यात्रियों को लाने के लिए व्यावहारिक नहीं होगा ऐसे में हमने इन विमानन केंद्रों के माध्यम से भारतीयों को लाने का फैसला किया है।'
पेरू, पुर्तगाल और मैक्सिको में दूतावासों ने फंसे भारतीयों को एम्स्टर्डम तक की यात्रा की सुविधा दी जबकि नीदरलैंड में इस अभियान के जरिये केएलएम और स्थानीय सरकारी अधिकारियों के साथ समन्वय किया गया ताकि स्वदेश तक के लिए उड़ान का इंतजाम हो सके और स्वास्थ्य औपचारिकताओं को पूरा किया जा सके।
सूत्र ने कहा, 'इसके बाद हम अफ्रीका और यूरोप से भारतीयों को वापस लाने के लिए फ्रैंकफर्ट को एक केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं। संबंधित देशों में दूतावास फ्रैंकफर्ट तक की यात्रा की सुविधा मुहैया कराएंगे और एयर इंडिया फ्रैंकफर्ट से यात्रियों को स्वदेश लेने के लिए उड़ान भरेगा।'
विदेश मंत्री जयशंकर ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि सरकार ने इस अभियान के दूसरे चरण में 12 जून तक 60 देशों के 100,000 भारतीयों की वापसी का लक्ष्य रखा है। तीसरे चरण में अभियान का दायरा बढ़ाया जाएगा।
सरकार ने अब फंसे भारतीयों को चार्टर विमानों से वापस लौटने की अनुमति दे दी है। एतिहाद एयरवेज अबू धाबी से 700 भारतीयों को लाने के लिए चार उड़ान संचालित कर रही है।
पश्चिम एशियाई देशों द्वारा माफी दिए गए भारतीयों को लाने की भी व्यवस्था की जा रही है।
आदेश में हस्तक्षेप से इनकार
सर्वोच्च न्यायालय ने विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए 10 दिन तक एयरइंडिया की गैर नियमित उड़ानों में बीच की सीट पर 6 जून तक यात्रियों को बिठाने की अनुमति देने के अपने आदेश में बदलाव करने से बुधवार को इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हृषीकेश रॉय के पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये पायलट देवेन कनानी के आवेदन पर सुनवाई के बाद अपने 25 मई के आदेश में कोई भी बदलाव करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि वह इसी सप्ताह दिए गए अपने आदेश के बारे में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहती है। पीठ ने अपने आदेश में किसी प्रकार का बदलाव करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने (एयर इंडिया और केंद्र) जो कुछ भी, चाहे कितना ही खराब क्यों नहीं किया हो, अंतरिम आदेश 10 दिन जारी रहने दीजिये। देवेन कनानी की याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के खिलाफ जब एयर इंडिया और केंद्र ने शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी तो पिछले सोमवार को न्यायालय ने 10 दिन के लिए गैर नियमित उड़ानों में बीच की सीट पर यात्रियों को बिठाने की अनुमति दी थी। पायलट देवेन ने इस मामले में दायर अपने आवेदन मे कहा था कि कोविड-19 के मामलों की संख्या बढ़ रही है और यदि एक भी अंतरराष्ट्रीय या घरेलू उड़ान को पूरी क्षमता के साथ परिचालन की इजाजत दी गई तो इससे अनेक यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के इस संक्रमण की चपेट में आने की संभावना बढ़ जाएगी। पायलट देवेन के वकील अभिलाष पणिक्कर का कहना था कि विमानों में सामाजिक दूरी बनाए रखने संबंधी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए। भाषा
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