बारिश बढ़ा सकती है चाय कंपनियों की चिंता | अभिषेक रक्षित / कोलकाता May 27, 2020 | | | | |
देशबंदी के कारण उत्पादन ठप होने से चाय कंपनियों को 2,100 करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है, बहीं बारिश और बाढ़ की वजह से स्थिति और बिगड़ रही है। इससे राजस्व हानि बढ़ सकती है।
देश के प्रमुख चाय उत्पादक क्षेत्रों असम और पश्चिम बंगाल में अगले कुछ दिनों में भारी बारिश व बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। उम्मीद की जा रही है कि इससे करीब 1 करोड़ किलो फसल प्रभावित होगी। पिछले साल नीलामी के मूल्य के हिसाब से देखेंं तो राजस्व का नुकसान 150 करोड़ रुपये हो सकता है।
जयश्री टी ऐंड इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी डीपी माहेश्वरी ने कहा, 'चाय कंपनियां पहले से ही वित्तीय दबाव में हैं और उनकी नकदी प्रभावित हुई है। अब बाढ़ और बारिश की वजह से अगर एक बार फिर उत्पादन में नुकसान होता है तो आगे वित्तीय स्थिति और खराब होगी।'
इंडियन टी एसोसिएशन के चेयरमैन विवेक गोयनका के मुताबिक मार्च-अप्रैल के दौरान असम और बंगाल में उत्पादन में अनुमानित रूप से 65 प्रतिशत कमी आने की संभावना है और मई में उत्पादन 50 प्रतिशत कम होने के आसार हैं। कोरोना के कारण की गई 3 सप्ताह की बंदी के बाद इन दो राज्यों के चाय बागानों में कामकाज 12 अप्रैल से शुरू हुआ था। बहरहाल पत्तियां तोडऩे का काम तत्काल शुरू नहीं हो पाया क्योंकि परिचालन रुक जाने की वजह से बुशेज बढ़ गई थीं और उन्हें छांटना पड़ा था।
गुडरिक ग्रुप के सीईओ और प्रबंध निदेशक अतुल अस्थाना ने कहा, 'अगर 4-5 दिन तक बारिश होती है तो बहुत गंभीर समस्या होगी।'
केंद्रीय जल आयोग ने असम के जोरहाट और सोणितपुर जिले में ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी किया है, जहां कुछ बड़े चाय बागान हैं। सिी तरह का अलर्ट राज्य के बक्सा जिले को लेकर भी जारी किया गया है। सप्ताह के अंत में आए चक्रवात अम्फन के कारण असम और पड़ोसी राज्य मेघालय में बहुत ज्यादा बारिश हुई थी। उत्तरी बंगाल में एक और कम दाब का क्षेत्र बन रहा है, जिसमें दार्जिलिंग डुआर्स क्षेत्र आता है जहां भारी बारिश पडऩे के आसार हैं।
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