ड्यूरेबल्स की होगी अच्छी बिक्री | विवेट सुजन पिंटो और अर्णव दत्ता / मुंबई/नई दिल्ली May 26, 2020 | | | | |
कोविड-19 संकट के दौरान जोर भले ही बचत पर दिया जा रहा हो लेकिन नीलसन के एक अध्ययन से पता चलता है कि उपभोक्ताओं ने ड्यूरेबल्स की खरीदारी के लिए रकम अलग कर रखी है।
बाजार अनुसंधान फर्म द्वारा जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 12 शहरों में 28 फीसदी उपभोक्ता अगले कुछ सप्ताह के दौरान होम अप्लायंस खरीदना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने कोरोनावायरस संकट के मद्देनजर सभी तरह के विवेकाधीन खर्चों को फिलहाल रोक दिया है लेकिन ड्यूरेबल्स की खरीदारी करने की योजना बना रहे हैं। रोके गए विवेकाधीन खर्चों में छुट्टियां बिताने के लिए यात्रा करने, दोपहिया अथवा कार खरीदने और मकान के रंगरोगन पर खर्च शामिल हैं।
नीलसन के अध्यक्ष (दक्षिण एशिया) प्रसून बसु ने कहा, 'हम यह समझना चाहते थे कि कोविड संकट के दौरान उपभोक्ता क्या सोच रहे हैं क्योंकि यह छुट्टियों के मौसम जैसा ही है।' उन्होंने कहा, 'मार्च में कोविड संकट शुरू होने से पहले यात्रा, मकान का रंगरोगन और ड््यूरेबल्स उत्पादों की खरीदारी आदि उनके एजेंडे में प्रमुखता से शामिल थे। लेकिन अब केवल ड््यूरेबल उत्पादों को खरीदने की चाहत ही बची हुई है।'
कंपनियों का कहना है कि दबी हुई मांग काफी अधिक है और उपभोक्ता लॉकडाउन के कारण खरीदानी नहीं कर पा रहे थे। गोदरेज अप्लायंसेज के कारोबार प्रमुख एवं कार्यकारी उपाध्यक्ष कमल नंदी ने कहा, 'उत्तर भारत में गर्मी बढ़ रही है। ऐसे में लोगों को एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर जैसे शीतलन उत्पादों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा कई शहरों में लॉकडाउन में भी ढील दी गई है जिससे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के शोरूम खुलने लगे हैं। इन सब ने उपभोक्ता भावना को कुछ हद तक प्रोत्साहित किया है।'
उद्योग सूत्रों ने कहा कि अप्लायंसेज की बिक्री के मामले में अप्रैल पूरी तरह से साफ रहा और कोई बिक्री नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मई अपेक्षाकृत बेहतर रहा है और इस दौरान बिक्री को कई कारकों से बल मिला। मई के दौरान बिक्री को रुकी हुई मांग, ऑनलाइन एवं ऑफलाइन चैनलों के सुचारु होने और गर्मी बढऩे से बल मिला।
विभिन्न कंपनियों के अधिकारियों ने बताया कि मई में पहले तीन सप्ताह के दौरान टिकाऊ वस्तुओं की बिक्री पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 30 फीसदी हो सकती है। उन्होंने कहा कि जून में बिक्री का स्तर पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि लोग आने वाले कठिन समय के लिए रकम बचाकर रखना चाहते हैं।
कैरियर माइडिया इंडिया के प्रबंध निदेशक कृष्ण सचदेव ने कहा, 'हम जिन 4,000 खुदरा आउटलेट में मौजूद हैं उनमें से कम से कम 1,900 आउटलेट यानी 48 फीसदी में परिचालन सुचारु करने में सफल रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'कोलकाता और मुंबई जैसे महानगरों को छोड़कर अधिकतर बाजार अब 70 फीसदी तक खुल चुके हैं। देश का एक सबसे बड़ा बाजार दिल्ली भी 50 से 60 फीसदी तक खुल चुका है। जबकि केरल और तमिलनाडु में बिक्री लगातार बढ़ रही है।' एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफॉर्म पर लैपटॉप से लेकर स्मार्टफोन, टेलीविजन और वाशिंग मशीन तक विभिन्न उत्पादों के लिए ऑर्डर में भारी उछाल दिख रहा है। देश में थॉमसन और कोडक टीवी बनाने वाली कंपनी सुपरप्लास्ट्रॉनिक्स के मुख्य कार्याधिकारी अवनीत सिंह मारवाह ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि कंपनी ने पिछले साल के मुकाबले इस साल ई-कॉमर्स के जरिये 70 फीसदी अधिक बिक्री दर्ज की है।
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