वरिष्ठ नागरिकों को राहत एफडी में ज्यादा ब्याज | |
बिंदिशा सारंग / 05 26, 2020 | | | | |
जब ब्याज दरें घटती हैं तो वरिष्ठ नागरिक सबसे अधिक प्रभावित होते हैं क्योंकि वे अतिरिक्त आमदनी के लिए अपनी सावधि जमाओं (एफडी) पर निर्भर होते हैं। ऐसे में देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का लंबी अवधि की एफडी पर 80 आधार अंक ज्यादा ब्याज देने का फैसला स्वागत योग्य है।
हालांकि वित्तीय योजनाकारों का कहना है कि वरिष्ठ नागरिकों की ऊंची ब्याज दरों के अलावा भी अन्य कई जरूरतें होती हैं।
धनायुष कैपिटल एडवाइजर्स की संस्थापक किरण तेलंग ने कहा, 'आपको दो योजनाओं में से किसी एक को चुनते समय दर, तरलता, कर बचत और निवेश की अधिकतम सीमा जैसे विभिन्न मापदंडों की तुलना करनी चाहिए।' पांच से दस साल के लिए दो करोड़ रुपये से कम की जमाओं पर 5.7 फीसदी ब्याज दर मुहैया कराई जा रही है। मगर वरिष्ठ नागरिकों को सालाना 6.5 फीसदी ब्याज मिल सकेगा। आम तौर पर एसबीआई वरिष्ठ नागरिकों के लिए अपनी योजनाओं में 50 आधार अंक का अंतर रखता है।
हालांकि 'वीकेयर डिपॉजिट' में पांच या उससे अधिक वर्षों की जमाओं पर 30 आधार अंक अतिरिक्त ब्याज मुहैया कराया जाएगा। तेलंग ने कहा, 'सवाल यह है कि क्या आप प्रतिफल की इस दर से महंगाई को मात दे पाएंगे।' ऐसी कुछ अन्य योजनाएं हैं, जिनमें बेहतर ब्याज दर मिल रही है। उदाहरण के लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) में 7.4 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है। इस दर की हर तिमाही में समीक्षा होती है और इसमें समय-समय पर बदलाव हो सकता है। ब्याज दर के लिहाज से वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पांच साल की एफडी से निश्चित रूप से बेहतर नजर आती है।
तेलंगा ने कहा, 'यह दर इसलिए आकर्षक नजर आ रही है क्योंकि पूरे बाजार में भय का माहौल है। ब्याज दर का माहौल पांच साल में बदल जाएगा। कोविड संकट और उसका असर इतने वर्षों तक नहीं बने रहने की संभावना है। इसलिए आप खुद से यह सवाल करें कि क्या पैसे को 6.5 फीसदी ब्याज दर पर पांच साल के लिए लॉक करना तरलता से वंचित होने के बराबर कीमत रखता है।
तरलता का मुद्दा
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की तरह वीकेयर एफडी भी कम से कम पांच साल के लिए कराना अनिवार्य है। हालांकि वरिष्ठ नागरिक बचत योजना खाते में जमाओं पर हर तिमाही में ब्याज की गणना होती है और उसे खाते में डाला जाता है। इसलिए व्यक्ति को नियमित रूप से कुछ नकदी मिलती रहती है। हालांकि इनवेस्टऑनलाइन डॉट इन के संस्थापक अभिनव अंगरीश कहते हैं कि वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में ब्याज का पैसा हर तिमाही में मिलता रहता है मगर मूलधन में तलरता नहीं मिलती है यानी आप इसे नहीं निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा, 'इस बात का ध्यान रखें कि आम तौर पर वरिष्ठ नागरिक परिपक्वता से पहले पैसा नहीं निकाल सकते हैं।'
करों को लेकर एनए शाह एसोसिएट्स एलएलपी में पार्टनर गोपाल बोहरा कहते हैं, 'वरिष्ठ नागरिकों को वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, एसबीआई वीकेयर या नियमित बैंक जमा पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य होता है। हालांकि ऐसी ब्याज आमदनी पर धारा 80टीटीबी के तहत कर योग्य आमदनी में 50,000 रुपये की कटौती हासिल की जा सकती है।'
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में निवेश पर धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का आयकर कटौती लाभ हासिल किया जा सकता है। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में निवेश की ऊपरी सीमा 15 लाख रुपये है, जबकि एसबीआई की एफडी की सीमा दो करोड़ रुपये से कम है। बोहरा ने कहा, 'अगर अगले पांच साल में नकदी की जरूरत नहीं है तो 15 लाख रुपये से अतिरिक्त पैसे को एसबीआई वीकेयर जमा योजना में जमा कराया जा सकता है, जिस पर 80 आधार अंक अतिरिक्त ब्याज मिलता है। अगर नकदी की जरूरत है तो अतिरिक्त पैसे को नियमित जमा योजनाओं में जमा कराया जा सकता है, जिनमें 50 आधार अंक अतिरिक्त ब्याज मिलता है।'
तेलंग ने बोहरा की बात से सहमति जताते हुए कहा कि जिन लोगों को नकदी की जरूरत नहीं है, उनके लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना एसबीआई एफडी की तुलना में बेहतर विकल्प है। असल में ऐसी अन्य एफडी हैं, जो वरिष्ठ नागरिकों को इतनी ही आकर्षक दरें मुहैया कराती हैं। अंगरीश कहते हैं, 'आरबीआई बचत बॉन्डों पर अब भी 7.75 फीसदी प्रतिफल मिलता है और सुरक्षा भी अधिक है, इसलिए वे भी वरिष्ठ नागरिकों के लिए अच्छे विकल्प हैं।'
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