रद्द उड़ान और नए कायदों से यात्री हैरान | अरिंदम मजूमदार / नई दिल्ली/बेंगलूरु May 25, 2020 | | | | |
सूरज इस असमंजस में थे कि उड़ान ली जाए या हालात सुधरने का इंतजार किया जाए। उनके डॉक्टर ने जनवरी में सर्जरी कराने के लिए कहा था, इसलिए वह और देरी नहीं कर सकते थे। उन्होंने 22 तारीख को टिकट बुक किया और संक्रमण से बचाने वाले सूट में हवाई अड्डे पर पहुंच गए। 47 वर्षीय सूरज ने कहा, 'मैं और देरी नहीं कर सकता था मगर मैं वायरस से संक्रमित होने को लेकर भी चिंतित हूं।'
देश में दो महीने बाद आज फिर से घरेलू व्यावसायिक उड़ानें शुरू हुईं और पहले दिन रद्द होने वाली उड़ानों की संख्या काफी अधिक रही। चिंतित यात्री उड़ानों के इस नए सामान्य के मुताबिक खुद को ढालने की कोशिश कर रहे हैं।
एक विमानन कंपनी के कार्याधिकारी ने कहा, 'जिन लोगों के लिए यात्री जरूरी थी, उन्होंने ही उड़ानें भरीं। उदाहरण के लिए जो लोग महानगरों में फंसे हुए थे, वे अपने गृहनगर लौटे हैं। सभी हवाई मार्गों पर विमानों में 60 फीसदी से अधिक सीट नहीं भर पाईं।'
निश्चित रूप से भ्रम की स्थिति थी। विमानन कंपनियां रविवार रात 11 बजे के आसपास अपनी समय सारणी तैयार कर पाईं क्योंकि कई राज्यों के अनिच्छा जताने से उड़ानें शुरू करने पर काफी अनिश्चितता बनी हुई थी।
स्वास्तिका ने कहा, 'जब मुझे स्पाइसजेट से यह मैसेज मिला कि मेरी उड़ान रद्द हो गई है, तब मैं हवाई अड्डे से महज 10 मिनट की दूरी पर थी।' स्वास्तिका को दिल्ली से अपने गृहनगर अहमदाबाद जाना था।
उड़ान के नियम बदल गए हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्रियों के लिए बोर्डिंग कार्ड को प्रिंट कराना अनिवार्य कर दिया है। मगर बहुत से यात्रियों ने ऐसा नहीं किया था। झारसुगुड़ा जा रहे 60 वर्षीय सुदर्शन नायक ने कहा, 'मेरे पास घर में प्रिंटर नहीं था और सभी दुकानें बंद हैं। मैं कैसे प्रिंट आउट लेता।'
मगर उनकी किस्मत अच्छी थी कि दिल्ली में टर्मिनलों पर प्रिंट आउट कियोस्क हैं। विमानन कंपनियों ने यात्रियों की सहायता के लिए बहुत से लोगों को तैनात किया था।
आरोग्य सेतु ऐप को लेकर भी भ्रम रहा। इस संवाददाता को ऐप नहीं होने के कारण टर्मिनल के भीतर दो बार रोका गया। इस ऐप को लेकर व्यापक संदेह के कारण सरकार ने दिशानिर्देशों को नरम बनाया है और ऐप के विकल्प के रूप में स्व-घोषणा पत्र को मंजूरी दी है। दिल्ली हवाई अड्डे के सुरक्षाकर्मी ने कहा, 'मुझे स्व-घोषणा पत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं केवल इतना जानता हूं कि आपको इस ऐप पर हरा संकेत दिखाना है।'
अगर आप अगले कुछ सप्ताह में उड़ान भरने जा रहे हैं तो हवाई अड्डे जल्द पहुंचे क्योंकि ऐसे भ्रमों की वजह से समय लग रहा है। हवाई अड्डे के चेक-इन काउंटरों पर सन्नाटा पसरा था क्योंकि ज्यादातर यात्री केवल हाथ में सामान लेकर यात्रा कर रहे थे और उन्होंने वेब चेक-इन किया था।
निजी विमानन कंपनियों के चेक-इन काउंटरों पर काम करने वाली रंजना ने कहा, 'मैं इस बात से खुश हूं कि लोगों ने इस निर्देश की तरफ ध्यान दिया है। इससे निकट जाने का जोखिम कम हो जाता है।'
दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 के भीतर 54 लाख वर्ग फुट जगह है, इसलिए सामाजिक दूरी कोई समस्या नहीं थी। वहीं चेक-इन की प्रक्रिया भी तेज थी क्योंकि विमानन कंपनियां अपनी एक-तिहाई क्षमता का परिचालन कर रही हैं।
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