आईटीसी: सिगरेट उत्पादन सुचारु | अभिषेक रक्षित / कोलकाता May 25, 2020 | | | | |
करीब एक महीने की बंदी के बाद आईटीसी ने सिगरेट का उत्पादन और वितरण सुचारु कर लिया है जिससे बाजार में सिगरेट की किल्लत जल्द दूर होने की उम्मीद है। आईटीसी सिगरेट बाजार की अग्रणी कंपनी है और इस श्रेणी में उसकी बाजार हिस्सेदारी 77 फीसदी है।
समझा जाता है कि देश भर में आईटीसी के 5 विनिर्माण संयंत्र हैं जो कोलकाता, मुंगेर, सहारनपुर, रंजनगांव और बेंगलूरु में हैं। लॉकडाउन शुरू होने से कुछ ही समय पहले आईटीसी ने पूरी तरह आवश्यक वस्तुओं जैसे फूड, व्यक्तिगत स्वच्छता और साफ-सफाई वाले उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया था। साथ ही कंपनी ने सिगरेट का उत्पादन बंद कर दिया था जो उसके गैर-जरूरी उत्पाद पोर्टफोलियो का हिस्सा है।
हालांकि तीसरे चरण के लॉकडाउन के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विनिर्माण संबंधी कई प्रावधानों में ढील दी गई जिससे आईटीसी ने अपने सिगरेट परिचालन को दुरुस्त करने का निर्णय लिया है।
आईटीसी के प्रवक्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'सिगरेट फैक्टरियों का परिचालन तेजी से दुरुस्त हो रहा है और इससे पूरी मूल्य शृंखला को मदद मिलेगी। साथ ही इससे कृषि से लेकर खुदरा परिचालन क्षेत्र से जुड़े लोगों की आजीविका को सहारा मिलेगा।'
हालांकि आईटी ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान अपने कारोबार को विविध बनाया है और फूड, कागज एवं पैकिंग, होटल, कृषि क्षेत्र एवं अन्य क्षेत्रों में विस्तार किया है। कंपनी के कुल राजस्व में सिगरेट का योगदान 46 फीसदी है जबकि उसके सकल मुनाफे में इसका योगदान करीब 81 फीसदी है।
वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी के कुल 49,348 करोड़ रुपये के राजस्व में सिगरेट कारोबार से प्राप्त राजस्व का योगदान 22,913 करोड़ रुपये रहा। जबकि 18,199 करोड़ रुपये के कुल सकल मुनाफे में सिगरेट कारोबार से प्राप्त मुनाफे का योगदान 15,808 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के प्रवक्ता ने इस समाचार पत्र से कहा, 'आईटीसी की अधिकतर फैक्टरियां आवश्यक मंजूरियों और स्वच्छता संबंधी सख्त प्रोटोकॉल के साथ खाद्य एवं स्वच्छता उत्पाादों का उत्पादन पहले से ही कर रही हैं। आवश्यक वस्तुओं के लिए करीब 150 फैक्टरियां, 2,000 थोक विक्रेता और 45 गोदाम पहले से ही परिचालन में हैं।'
उद्योग सूत्रों ने कहा कि आईटीसी के बाद गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया जैसी अन्य विनिर्माताओं ने भी सिगरेट का उत्पादन बंद कर दिया था। इससे बाजार में सिगरेट की काफी किल्लत हो गई थी और पहले चरण के लॉकडाउन के दौरान कालाबाजारी के कारण सिगरेट के दाम एमआरपी के मुकाबले 25 से 40 फीसदी तक बढ़ गए थे।
हालांकि सिगरेट वितरण सुचारु होने के साथ ही कीमत में नरमी आने और चौथे चरण के लॉकडाउन के दौरान उसे सामान्य होने की उम्मीद है।
बाजार पर नजर रखने वाली कंपनी यूरोमॉनिटर इंटरनैशनल के अनुसार, सिगरेट कंपनियों के लिए कैलेंडर वर्ष 2020 काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है क्योंकि लॉकडाउन और करों में वृद्धि के कारण उद्योग की मात्रात्मक बिक्री में 10 फीसदी की गिरावट आई है। यदि यही स्थिति जारी रही तो पिछले दो दशक में सबसे कमजोर बिक्री दर्ज की जाएगी।
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