मांग के अनुरूप उत्पादन कर रही श्री सीमेंट | अमृता पिल्लई / May 25, 2020 | | | | |
बीएस बातचीत
देश के शीर्ष तीन सीमेंट उत्पादकों में शामिल श्री सीमेंट का मानना है कि आपूर्ति शृंखला और परिचालन धीरे-धीरे सुचारु होने लगा है। श्री सीमेंट के प्रबंध निदेशक एचएम बांगुर ने अमृता पिल्लई से बातचीत में कहा कि सीमेंट की अधिकांश मौजूदा मांग छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में मकानों के लिए है। बांगुर ने उम्मीद जताई कि कोविड-19 के मामलों के थमने और प्रोत्साहन पैकेज से आपूर्ति पक्ष दम मिलते ही मांग में सुधार होगा। पेश हैं मुख्य अंश:
पिछले सप्ताह घोषित प्रोत्साहन पैकेज को आप किस प्रकार देखते हैं? अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए यह कितना कारगर होगा?
राजकोषीय पैकेज को दो बिंदुओं से देखने की जरूरत है- मांग प्रोत्साहन और आपूर्ति पक्ष। सरकार ने आपूर्ति पक्ष के लिए पर्याप्त काम किया है जैसे एमएसएमई के लिए उधारी की सीमा को बढ़ाना आदि। इसके साथ ही आपूर्ति पक्ष करीब दो साल या कुछ समय के लिए दमदार रहेगा।
मांग पक्ष के बारे में आप क्या कहेंगे?
अमेरिका, ब्रिटेन और चीन जैसे देशों के अनुभव से पता चलता है कि कोविड के मामलों के थमने और स्थिति में सुधार होने के तत्काल बाद मांग में सुधार दिखने लगता है। मांग में सुधार होते ही दमदार आपूर्ति पक्ष वाले लोग उसे पूरा करने में समर्थ होंगे। दुर्भाग्य से ध्यान इस बात पर केंद्रित किया जा रहा है कि मांग में तेजी लाने के लिए क्या किया गया है। हालांकि सरकार ने एक अलग दृष्टिकोण अपनाया है और आपूर्ति पक्ष के लिए पर्याप्त काम किया है।
तो क्या आप मानते हैं कि भारत में कोविड के मामले थमते ही मांग में सुधार होगा?
तीन महाद्वीपों (यूरोप, अमेरिका और एशिया के कुछ भागों) में ऐसा ही अनुभव रहा है लेकिन फिलहाल कोई नहीं जानता कि वास्तव में भारत में क्या होगा।
सीमेंट सहित विभिन्न उद्योगों को परिचालन सुचारु करने की अनुमति दिए जाने का अब करीब एक महीना से अधिक समय हो चुका है। क्या अब परिचालन स्थिर हो चुका है और उपयोगिता स्तर क्या है?
हमारे पास कई इकाइयां हैं और यदि सभी को मिलाकर देखा जाए तो हमारा 50 से 60 फीसदी कामकाज सामान्य हो चुका है। कोविड से पहले हमारे संयंत्रों में उपयोगिता का स्तर करीब 70 फीसदी था।
क्या आपूर्ति शृंखला संबंधी शुरुआती समस्याएं अब खत्म हो चुकी हैं?
हर कोई कमाना चाहता है और परिचालन अथवा आपूर्ति शृंखला में कोई खास समस्या नहीं थी। हालांकि उसमें कुछ तात्कालिक समस्याएं अक्सर रहती हैं। हमारे सभी डीलरशिप अब परिचालन में हैं।
आपूर्ति शृंखला के सुचारु होने के साथ ही किन श्रेणियों में सीमेंट की खरीदारी हो रही है?
अब सीमेंट की खरीदारी ज्यादातर गांवों और छोटे शहरों में हो रही है जबकि बड़े शहरों में समस्या अब भी बरकरार है। उदाहरण के लिए, आगरा में सीमेंट की खरीदारी होगी लेकिन मुंबई और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों के लिए मांग कमजोर है। प्राथमिक मांग मकानों के निर्माण से है। छोटे शहरों में कोविड का प्रभाव कम है और इसलिए वहां डर भी कम है।
छोटे शहरों में सीमेंट की खरीदारी शुरू होने से आपकी मांग में कितना सुधार दिख रहा है?
जब हम 60 फीसदी क्षमता पर उत्पादन कर रहे हैं तो मांग भी उसी स्तर पर है। हम केवल उतना ही उत्पादन कर रहे हैं जितना हम बेच सकते हैं। मौजूदा मूल्य पर हम अपनी लागत की भरपाई करने में समर्थ हैं। फिलहाल सीमेंट के दाम बढ़़ाने के बारे में कोई नहीं बोल रहा है। अभी बिक्री जरूरी है।
प्रवासी श्रमिक निर्माण स्थलों को छोड़कर शहरों से गांवों की ओर जा रहे हैं? क्या आपके संयंत्रों में भी श्रमिकों की समस्या दिख रही है? इससे सीमेंट की मांग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
बड़े शहरों में मांग निश्चित तौर पर कम है क्योंकि वहां श्रमिक उपलब्ध नहीं हैं। इन जगहों से कमजोर मांग की एक मुख्य वजह श्रमिकों का किल्लत है। जहां तक हमारे अपने संयंत्रों का सवाल है तो श्रमिकों की उपलब्धता कोई बड़ी समस्या नहीं है।
क्या आप निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने वाले खनन क्षेत्र के अवसरों में दिलचस्पी दिखाएंगे?
इसमें कुछ भी कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी। हमें फिलहाल प्रतीक्षा करने, समझने और उसके बाद निर्णय लेने की जरूरत है।
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