मांग में सुधार की उम्मीदों से जिंसों की कीमतें चढ़ीं | दिलीप कुमार झा / मुंबई May 24, 2020 | | | | |
जिंसों की मांग में सुधार आने की उम्मीदों से पिछले एक सप्ताह के दौरान इनके दाम एक से तीन फीसदी तक चढ़े हैं। दरअसल भारी आर्थिक प्रोत्साहनों से दुनिया भर में बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़ी गतविधियां फिर से शुरू होंगी। करीब तीन महीने से बरकरार लॉकडाउन को धीरे-धीरे हटाए जाने से बुनियादी ढांचा गतिविधियां धीरे-धीरे पटरी पर आ रही हैं।
बेंचमार्क लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर एल्युमीनियम के दाम शुक्रवार को 2.8 फीसदी चढ़कर 1,473 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गए। वहीं तांबे की कीमतें 1.5 फीसदी चढ़कर 5,242.5 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गईं। ब्रेंट क्रूड पिछले एक सप्ताह में 9.6 फीसदी उछलकर 34.5 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। सप्ताह के दौरान लौह अयस्क के दाम 5.7 फीसदी चढ़कर 91.4 डॉलर प्रति टन और प्राकृतिक गैस के 5.2 फीसदी बढ़कर 1.7 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू हो गए।
वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं ने कारोबार को पटरी पर लाने के लिए भारी प्रोत्साहन देना शुरू कर दिया है, जिससे औसत उपभोक्ता के हाथ में ज्यादा खर्च योग्य आमदनी आने के आसार हैं। इस तरह वैश्विक आर्थिक प्रोत्साहनों को लेकर बाजार के समायोजित होने और सामान्य स्थिति बहाल होने तक अगले कुछ सप्ताह के दौरान सोने और चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज लिमिटेड के उपाध्यक्ष नवनीत दमानी ने कहा, 'जिंसों के दाम पिछले दो सप्ताह के दौरान इस उम्मीद में बढ़े हैं कि महीनों से बंद वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के खुलने से आगामी महीनों में जिंसों की खपत बढ़ेगी। औद्योगिक जिंसों की मांग तब सुधरने के आसार हैं, जब वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं द्वारा घोषित प्रोत्साहन पैकेज आर्थिक प्रणाली में आना शुरू हो जाएंगे।'
दिसंबर 2019 में कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी सामने आने के बाद मांग घटने के कारण औद्योगिक जिंसों और ऊर्जा उत्पादों की कीमतें तेजी से गिरी थीं। इस महामारी की चपेट में धीरे-धीरे पूरी दुनिया आ गई।
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