पर्यावरण मंत्रालय ने कोयले की अनिवार्य धुलाई का नियम हटाया | श्रेया जय / नई दिल्ली May 22, 2020 | | | | |
पांच साल पहले भारत सरकार ने अपने जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों के तहत कोयले की धुलाई को अनिवार्य किया था जिसे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने समाप्त कर दिया है। गुरुवार को जारी एक गजट अधिसूचना में मंत्रालय ने ताप बिजली उत्पादन स्टेशनों को आपूर्ति किए जाने वाले कोयले की अनिवार्य धुलाई को समाप्त करने के लिए पर्यावरण संरक्षण अधिनियम में संशोधन कर दिया।
गजट अधिसूचना में कहा गया है, 'ताप बिजली संयंत्रों के लिए राख की मात्रा या दूरी की शर्तों के बिना कोयले के इस्तेमाल की अनुमति होगी।' बिजनेस स्टैंडर्ड ने गजट अधिसूचना का अवलोकन किया है।
भारत सरकार ने जलवायु परिवर्तन प्रतिबद्धताओं के तहत 2014 में कोयला खदानों से 500 किलोमीटर दूर स्थित सभी ताप बिजली इकाइयों को होने वाली कोयले की आपूर्ति से पहले उसकी धुलाई को अनिवार्य कर दिया था। भारत सरकार ने यह कदम जलवायु परिवर्तन की चर्चाओं में भारत के रुख को मद्देनजर रखते हुए उठाया था। इसमें भारत ने कहा था कि वह कोयला की खपत कटौती करने की बजाय उत्सर्जन नियंत्रण पर ध्यान देगा।
पर्यावरण मंत्रालय ने उसी वर्ष जारी अपने दिशानिर्देशों में कहा, '500-750 किलोमीटर, 750-1000 किलोमीटर के बीच स्थित बिजली स्टेशनों को ऐसे कोयले की आपूर्ति की जाएगी जिसमें राख की मात्रा तिमाही औसत पर 34 फीसदी से अधिक नहीं होगी। यह नियम 1 जनवरी, 2016 से प्रभावी होगी।' इसलिए कोयला कंपनियों को निर्देश दिया गया कि वे धुले हुए/सम्मिश्रित या लाभकारी कोयले की आपूर्ति करें।
गजट अधिसूचना में कहा गया है कि कोयला मंत्रालय ने कोविड महामारी के कारण तीव्र विधायी कार्रवाई की आवश्यकता बताई थी।
अधिसूचना में कहा गया है, 'कोयला मंत्रालय ने कहा है कि मौजूदा अप्रत्याशित कोविड-19 महामारी और इसके परिणामस्वरूप देश में बिजली उत्पादन के लिए कोयला क्षेत्र की मांग को बढ़ा कर घरेलू कोयले के इस्तेमाल की तुरंत आवश्यकता को देखते हुए, अधिसूचना को शीघ्र जारी करना वांछनीय है।'
कोयला मंत्रालय का मानना है कि औसत राख की मात्रा को 34 फीसदी पर बनाए रखने की जरूरत उद्योगों को कोयला आयात करने के लिए प्रेरित करता है जिससे विदेशी मुद्रा का नुकसान होता है। मंत्रालय ने एक अलग नीति प्रस्ताव में ताप बिजली क्षेत्र को कोयले की जरूरत घरेलू स्रोतों से पूरी करने और कोयला आयात को शून्य करने के लिए कहा है।
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