फिलहाल कच्चे हीरे का आयात नहीं करेगा उद्योग | सुशील मिश्र / मुंबई May 21, 2020 | | | | |
कोविड-19 महामारी के कारण देश भर में करीब दो महीने से लागू लॉकडाउन ने उद्योग धंधों की कमर तोड़ दी है। हीरा उद्योग भी इससे अछूता नहीं है। लॉकडाउन की वजह से आयात-निर्यात लगभग पूरी तरह ठप पड़ा है। हीरा तराशने वाले बहुत-से कारीगर भी पलायन कर गए हैं। मौजूदा हालात देखते हुए हीरा प्रसंस्करण उद्योग ने एक महीना कच्चे हीरे के आयात पर अंकुश लगाने की योजना तैयार की है। उद्योग का मानना है कि एक महीने तक कच्चा हीरा आयात पर रोक से प्रसंस्करण इकाइयों को अपना स्टॉक कम करने और लॉकडाउन से उपजे हालात से उबरने में मदद मिलेगी।
मौजूदा संकट के दौरान उद्योग के हितों की रक्षा के लिए रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने अपनी तरफ से कच्चा हीरा आयात पर रोक लगा दी गई है। जीजेईपीसी और उसके सहयोगी संगठनों से जुड़े कारोबारी एक महीने तक कच्चा हीरा आयात नहीं करेगे। त्योहारी सीजन खत्म होने और बरसात शुरू होने के कारण जून में वैसे भी कारोबार कम होता है। हीरा उद्योग अब दशहरा और दीवाली को ध्यान में रखकर अपनी तैयारी करने की योजना बना रहा है। जीजेईपीसी के वाइस चेयरमैन कॉलिन शाह का कहना है कि जनवरी-फरवरी में आयात किए गए कच्चे हीरों का अब तक पूरी तरह प्रसंस्करण नहीं हो पाया है। कंपनियों के पास तराशे और बिना तराशे हीरों का स्टॉक जमा है। ऐसे में आयात करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि निर्यात ठप है।
पिछले दो महीनों से प्रसंस्करण इकाइयां, थोक और खुदरा स्टोर लॉकडाउन की वजह से बंद हैं जिस कारण उद्योग को भारी नुकसान हुआ है। मुंबई और सूरत से हीरा तराशने वाले बहुत-से कारीगर भी पलायन कर चुके हैं। भारत के साथ-साथ दुनिया के ज्यादातर देश कोरोना से प्रभावित हैं। विश्व की सबसे बड़ी हीरा खनन कंपनी डी बियर्स दुनिया की कुल मांग का 20 फीसदी पूरा करती है। इसने भी चालू वर्ष में अपना उत्पादन अनुमान घटाकर 2.5 करोड़ से 2.7 करोड़ कैरट कर दिया है, जबकि पहले यह अनुमान 3.2 से 3.4 करोड़ कैरट था। डी बियर्स की तरह दूसरी वैश्विक कंपनियां भी अपने उत्पादन में कटौती करने पर विचार कर रही हैं।
जीजेईपीसी के अनुसार इस तरह आयात रोकने से उद्योग को चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी जो वैश्विक रत्नाभूषण बाजार की मांग में गिरावट आने से पैदा हुई हैं। हीरा तराशी में भारत का एकाधिकार है। दुनिया भर के प्रत्येक 15 में से 14 हीरे यहां तैयार किए जाते हैं।
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