पैकेज पर मंत्रिमंडल में आज चर्चा संभव | श्रेया जय और संजीव मुखर्जी / नई दिल्ली May 20, 2020 | | | | |
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा हाल में घोषित 'आत्मनिर्भर भारत' पैकेज के कुछ प्रस्तावों वर केंद्रीय मंत्रिमंडल में चर्चा हो सकती है। कल कैबिनेट की बैठक होने की संभावना है।
इसमें बहुचर्चित वाणिज्यिक कोयला खनन का प्रस्ताव शामिल है। साथ ही कृषि जिंसों की एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही की सुविधा देने के लिए अध्यादेश पर भी चर्चा संभव है।
वित्त मंत्री ने पिछले सप्ताह एक राज्य से दूसरे राज्य में कृषि जिंसों की ढुलाई के कानूनी ढांचे की घोषणा की थी। उनकी यह घोषणा देश के कृषि क्षेत्र में सुधार के प्रस्तावों का हिस्सा है, जिसका मकसद किसानों को अपने अनाज बेचने का कई विकल्प देना और लाइसेंसी खरीदारों की पकड़ कमजोर करना है।
वाणिज्यिक कोयला खनन के मामले में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने कहा कि निजी कारोबारियों को खनन हेतु कोयला खदानों के आवंटन के लिए बोली का तरीका व खुले बाजार में उसकी वाणिज्यिक बिक्री का प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तावित है। जनवरी में मंत्रिमंडल ने कोयला खनन विशेष प्राधान अधिनियम (सीएमपीए) 2015 में संशोधन को मंजूरी देकर किसी को भी भारत में कोयला खननन की अनुमति दे दी थी। इससे विदेशी कारोबारियों को इस क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति के साथ जो कंपनियां कोयला खनन में नहीं हैं, उन्हें कोयला खनन क्षेत्र में उतरने की अनुमति मिल गई थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'सुधार के कदमों को आगे बढ़ाते हुए हमने कोयले के वाणिज्यिक खनन के लिए नीलामी के तरीके को अंतिम रूप दे दिया है। इस प्रस्ताव में पात्रता का दायरा, खनन लक्ष्य हासिल करने पर छूट और राजस्व साझा करने के मॉडल के लिए टेंडर में बदलाव शामिल है।'
टेंडर में राजस्व साझा करने का तरीका मौजूदा तरीके की जगह लेगा, जिसके तहत खनन वाले राज्य को प्रति टन के हिसाब से एक नियत भुगतान मिलता है। अब खननकर्ता उत्पादन के हिसाब से राजस्व साझा करेगा।
नीलामी की विधि में सरकार ने खदान के लिए बोलीकर्ता द्वारा भुगतान की जाने वाली शुरुआती राशि को भी घटाकर आधा कर दिया है। अधिकारी ने कहा, 'इससे बड़ी खदानों में खननकर्ताओं की दिलचस्पी बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिनकी अपफ्रंट भुगतान राशि 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाती है।' कोयला मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'पहले के संशोधनों में हमने तमाम खदानों को मुक्त कर दिया था, जिसमें आंशिक रूप से उत्खनित खदानें भी शामिल हैं। इससे सरकार को तमाम खदानें मिल गई हैं, जिन्हें वाणिज्यिक खनन के लिए आवंटित किया जा सकता है।'
सुधार पैकेज के चौथी घोषणा में वित्त मंत्री ने पिछले सप्ताह वाणिज्यिक कोयला और खनिज क्षेत्र में सुधारों की घोषणा की थी। वहीं कृषि विपणन को लेकर एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही को लेकर अध्यादेश के बारे में सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार केंद्रीय सूची की प्रवृष्टि 42 के अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकती है। संविधान की सातवीं अनुसुची की इस प्रविष्टि के साथ सरकार समवर्ती सूची की प्रविष्टि 33 के माद्यम से राज्य सूची की प्रविष्टि 26 की अवहेलना कर सकती है, जिसमें राज्य के भीतर और एक राज्य से दूसरे राज्य में कृषि जिंसों की आवाजाही का कानून दिया गया है।
मौजूदा एपीएमसी के ढांचे में कोई बदलाव या उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
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