टिसेनक्रप-टाटा स्टील विलय पर बातचीत | देव चटर्जी / मुंबई May 19, 2020 | | | | |
टाटा स्टील ने संभावित विलय के लिए टिसेनक्रप के साथ बातचीत फिर से शुरू की है। यूरोपीय आयोग की आपत्तियों का हवाला देकर दोनों कंपनियों द्वारा संयुक्त उपक्रम प्रस्ताव से पीछे हटने के करीब एक साल बाद फिर से इस विलय को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस बार निवेश बैंकरों का कहना है कि टाटा स्टील और टिसेनक्रप को वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है और इसलिए परिसंपत्तियां बेचने के लिए कदम उठाए जाएंगे जिससे कि वह यूरोप के प्रतिस्पर्धा-रोधी मानकों को पूरा कर सके।
एक निवेश बैंकिंग अधिकारी ने कहा, 'पिछले साल जून से कीमतें गिरी हैं और दोनों कंपनियों की वित्तीय स्थिति खराब हुई है। टाटा स्टील यूरोप दबाव महसूस कर रही है और ब्रिटेन में परिचालन बरकरार रखने के लिए वहां की सरकार से 50 करोड़ पौंड के राहत पैकेज की मांग कर रही है। इसलिए दोनों कंपनियों के लिए अपने व्यवसायों को पुनर्गठित करने की वजह हैं।' वैश्विक इस्पात कीमतें भी पिछले एक साल में 11 प्रतिशत तक नीचे आई हैं जिससे इस्पात क्षेत्र में वित्तीय संकट गहराया है।
टाटा स्टील के एक अधिकारी ने कहा कि टिसेनक्रप के साथ बातचीत की खबर सही नहीं है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया की खबरों में कहा गया है कि दबाव झेल रही टिसेनकु्रप ने अपने 200 साल पुराने इस्पात व्यवसाय से बाहर निकलने का निर्णय लिया है और वह अपना परिचालन बेचने या विलय के लिए टाटा स्टील यूरोप, चीन की बाओस्टील और स्वीडन की एसएसएबी के साथ पुन: बातचीत कर रही है।
बैंकों का कहना है कि टिसेनक्रप और टाटा स्टील, दोनों एक-दूसरे के लिए पूरी तरह से उपयुक्त हैं और दोनों ने तीन साल पहले शुरू हुईं अपनी वार्ताओं को ठंडे बस्ते में नहीं डाला है। टाटा स्टील के एक पूर्व निदेशक ने कहा, 'टाटा स्टील के लिए टिसेनक्रप सौदा करना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।'
जहां टिसेनक्रप यूरोप में फ्लैट कार्बन स्टील की दूसरी सबसे बड़ी उत्पादक है, वहीं टाटा स्टील तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है। दोनों कंपनियां पैकेजिंग इस्तेमाल के लिए मेटालिक कोटेड और लैमिनेटेड स्टील की प्रमुख उत्पादक हैं।
पिछले साल जून में, यूरोपीय आयोग (ईसी) ने टाटा स्टील और टिसेनक्रप के संयुक्त उपक्रम प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इस विलय से प्रतिस्पर्धा घटेगी और विभिन्न तरह के इस्पात के लिए कीमतें बढ़ जाएंगी। ईसी ने यह भी कहा था कि दोनों कंपनियां इन चिंताओं को दूर करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही हैं। ईसी ने कहा, 'हमारी प्रतिस्पर्धा संबंधी चिंताओं को दूर किए बगैर टाटा स्टील और टिसेनकु्रप के बीच इस विलय से कीमतें बढ़ जाएंगी। इसलिए हम यूरोपीय औद्योगिक ग्राहकों और उपभोक्ताओं को बड़े नुकसान से बचाने के लिए इस विलय को प्रतिबंधित करते हैं।'
ईसी ने इस विलय से पडऩे वाले प्रभाव को दूर किए जाने के संबंध में इस्पात ग्राहकों से भी विचार मांगे थे और तब यह कहा गया था कि मौजूदा उपाय गंभीर प्रतिस्पर्धा की चिंताओं को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं थे और उनसे कीमतों में तेजी नहीं रुकेगी।
पिछले साल अगस्त में में टिसेनक्रप ने ईसी के निर्णय के खिलाफ जनरल कोर्ट ऑफ यूरोपीय यूनियन (ईजीसी) के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।
(साथ में ईशिता आयान दत्त)
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