देश के अधिकांश ग्राहक आवश्यक वस्तुएं खुदरा दुकानों से खरीद रहे हैं और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की उपयोगिता एक बार फिर कम हुई है। कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल्स द्वारा भारत के 182 से अधिक जिलों में रहने वाले 16,000 से अधिक उपभोक्ताओं के बीच कराए गए नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से जरूरी सामान का ऑर्डर देने वाले ग्राहकों में से केवल 52 प्रतिशत को सभी सामान मिल सके। वहीं, स्थानीय खुदरा दुकानों के माध्यम से जरूरी सामान का ऑर्डर करने पर लगभग 80 फीसदी ग्राहकों को सभी सामान मिल गए। लॉकडाउन 4.0 शुरू होने के साथ गृह मंत्रालय ने कई तरह की राहत उपलब्ध कराई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग के सहयोग से लोकलसर्किल्स नियमित रूप से स्थानीय खुदरा स्टोरों तथा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता पर नजर रख रहा है। इससे पहले 19-20 अप्रैल के आवश्यक सामानों संबंधी सर्वेक्षण ने संकेत दिया था कि ई-कॉमर्स कंपनियों से आवश्य वस्तुओं के अंतर्गत सूचीबद्ध सामानों का ऑर्डर करने वालों में से 42 फीसदी को उनके सामान नहीं मिल सके थे वहीं, खुदरा स्टोर में जाने पर 33 प्रतिशत लोगों को जरूरी सामान नहीं मिले थे। लोकलसर्किल्स ने 17-18 मई के बीच 10वां उपभोक्ता सर्वेक्षण किया। उपभोक्ताओं से पिछले 48 घंटों के दौरान ई-कॉमर्स ऐप पर गेहूं, चावल, दाल, नमक और चीनी जैसे आवश्यक सामानों के लिए ऑर्डर देने के बाद उनके अनुभव के बारे में पूछा गया था। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता को लेकर पिछले कुछ दिनों में गिरावट देखी गई है। 19-20 अप्रैल को 58 प्रतिशत उपभोक्ता कथित रूप से ई-कॉमर्स ऐप का उपयोग करके अधिकांश आवश्यक सामान खोजने में सक्षम थे। यह संख्या 17-18 मई तक घटकर 52 प्रतिशत हो गई है। लॉकडाउन शुरू होने से पहले यह संख्या 65 फीसदी थी। वहीं, स्थानीय खुदरा दुकानों पर पिछले 2 दिनों में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता में मामूली सुधार हुआ है। 19-20 अप्रैल को 67 प्रतिशत उपभोक्ता कथित तौर पर स्थानीय खुदरा स्टोरों में आवश्यक सामान खोजने में सक्षम थे। यह संख्या 17-18 मई को 80 प्रतिशत हो गई। जनता कफ्र्यू से पहले यह संख्या 83 फीसदी थी। लोकलसर्किल्स ने बताया कि कोविड-19 लॉकडाउन ने उपभोक्ता की आदतों को बदल दिया है और बहुत से लोग अब ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के साथ स्थानीय खुदरा विक्रेताओं तथा वितरण सेवाओं का सम्मिलित उपयोग कर रहे हैं जिससे घर को चलाने के लिए जरूरी सामान मिलता रहे। कई ई-कॉमर्स कंपनियां ग्राहकों को उत्पाद पहुंचाने के लिए पहले से ही खुदरा चेन स्टोर के साथ मिलकर काम कर रही हैं। ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट ने मंगलवार को कहा कि उसने 26 शहरों में लोगों तक सुरक्षित तरीके से सामान पहुंचाने के लिए रिटेल चेन स्टोर विशाल मेगा मार्ट के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत ग्राहक विशाल मेगा मार्ट के 365 स्टोर में उत्पादों का ऑर्डर कर सकेंगे तथा उन्हें फ्लिपकार्ट द्वारा तेज एवं सुविधाजनक तरीके से आपके दरवाजे तक पहुंचा दिया जाएगा। फ्लिपकार्ट ग्रुप के मुख्य कार्याधिकारी कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा, 'शहरों में आधुनिक रिटेल स्टोर के साथ काम करने से उपभोक्ताओं को किराने के सामान तथा जरूरी सामान की घर तक डिलिवरी आसान हो जाएगी। हमारे बेहतरीन तकनीकी प्लेटफॉर्म से समर्थित प्रणाली की मदद से ग्राहक अपने क्षेत्र में उपलब्ध आवश्यक वस्तुओं को रियल टाइम में देख सकेंगे तथा इससे समयबद्ध तरीके से उनकी डिलिवरी हो सकेगी।' उत्पाद सभी क्षेत्रों में सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार उपलब्ध होंगे। जब कोई उपभोक्ता फ्लिपकार्ट ऐप के माध्यम से ऑर्डर देगा तो डिलिवरी एग्जीक्यूटिव निकटतम विशाल स्टोर से सामान लेंगे तथा उसे सुरक्षित तरीके से ग्राहक के घर तक पहुंचा देंगे। इसकी मदद से उपभोक्ता घरों में ही रहेंगे तथा कोविड-19 के विस्तार को रोकने के लिए चल रही लड़ाई में सार्थक भूमिका निभाएंगे। विशाल मेगा मार्ट के मुख्य कार्याधिकारी तथा प्रबंध निदेशक गुणेंद्र कपूर ने कहा, 'इस कठिन समय में हम ग्राहकों को हर संभव तरीके से मदद सुनिश्चित कर रहे हैं।'
