सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियां घटा रहीं अनुबंध कर्मियों की संख्या | देवाशिष महापात्र / बेंगलूरु May 19, 2020 | | | | |
भारतीय आईटी सेवा कंपनियों द्वारा अनुबंध पर रखे गए सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के रोजगार को कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक व्यवधान से काफी झटका लगा है। आतिथ्य सेवा एवं विमानन जैसे क्षेत्रों में परियोजनाएं रद्द होने के साथ-साथ अन्य परियोजनाओं शुरू होने में देरी के कारण अधिकतर आईटी कंपनियां अपने बेंच (राजस्व अर्जित करने वाली किसी भी परियोजना पर तैनात न होन वाले कर्मचारी) के प्रबंधन के लिए संघर्ष कर रही हैं।
तमाम लोगों का कहना है कि आईटी कंपनियों में अनुबंध पर रखे गए कर्मचारियों पर खर्च घटकर कुल बिल योग्य कर्मचारियों लागत का करीब 3 फीसदी रह गया है जो आमतौर पर 10 फीसदी रहता था। आईटी कंपनियां आमतौर पर कर्मचारी समाधान प्रदाताओं अथवा उपठेकेदारों से अनुबंध आधारित कर्मचारियों का इस्तेमाल करती हैं।
एक्सपेरिस ऑफ मैनपावर ग्रुप के उपाध्यक्ष सुपौल चंदा ने कहा, 'फिलहाल आईटी कंपनियों द्वारा उपठेकेदारों के इस्तेमाल का स्तर कम है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि निकट भविष्य में अर्थव्यवस्थाओं के खुलने के साथ ही इसमें तेजी आएगी।' उन्होंने कहा, 'अभी तक हमने कोई छंटनी (स्टाफिंग फर्मों द्वारा) नहीं देखी है। लेकिन हम किसी परियोजना पर तैनात किए बिना कर्मचारियों को लंबे समय तक नहीं रख सकते।'
अमेरिका के मैनपावर ग्रुप के साथ-साथ स्विस फर्म एडेको और डच फर्म रैंडस्टैड वैश्विक आईटी उद्योग के लिए महत्त्वपूर्ण मानव संसाधन की आपूर्ति करने वाली प्रमुख उपठेकेदार हैं। इन कंपनियां परियोजनाओं के तेजी से निष्पादन के साथ-साथ अमेरिका और यूरोपीय क्षेत्र में अस्थायी तौर पर मांग में तेजी लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
वित्त वर्ष 2020 में विप्रो की कुल कर्मचारी लागत में अनुबंध आधारित कर्मचारियों की लागत करीब 22 फीसदी रही थी जबकि टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेज के मामाले में यह आंकड़ा 3 फीसदी और इन्फोसिस के मामले में 12 फीसदी रहा था।
एचआर विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय आईटी कंपनियों द्वारा लागत नियंत्रण पर ध्यान दिए जाने के कारण अनुबंध आधारित कर्मचारियों की संख्या में आगामी तिमाहियों में कोई उल्लेखनीय तेजी दिखने की उम्मीद नहीं है। टीसीएस, इन्फोसिस और विप्रो जैसी सभी बड़ी आईटी कंपनियों ने कहा है कि वे उपठेकेदारों पर अपनी निर्भरता कम करेंगी और इसके बजाय अपने खुद के संसाधनों का उपयोग करेंगी।
इन्फोसिस के मुख्य परिचालन अधिकारी यूबी प्रवीण राव ने वित्तीय नतीजा जारी करने के बाद विश्लेषकों से बातचीत में कहा था, 'हमारे पास उपठेकेदारों (अनुबंध आधारित कर्मचारियों) को बारी-बारी से काम पर लगाने और उन्हें अपने लोगों के साथ बदलने का अवसर है। इसलिए हमारे पास सीमित गुंजाइश मौजूद है जहां हम उपयोगिता में सुधार लाने की कोशिश कर सकते हैं।'
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