बीमा सहायकों में हिस्सेदारी घटाए एचडीएफसी : आरबीआई | |
सुब्रत पांडा / मुंबई 05 19, 2020 | | | | |
भारतीय रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी से कहा है कि वह बीमा सहायकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 50 फीसदी या उससे नीचे करे। अभी एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस और एचडीएफसी अर्गो जनरल इंश्योरेंस में एचडीएफसी की बहुलांश हिस्सेदारी (50 फीसदी से ज्यादा) है।
एक्सचेंजोंं को भेजी सूचना में एचडीएफसी ने कहा है कि आरबीआई का निर्देश है कि एचडीएफसी अर्गो जनरल इंश्योरेंस संग एचडीएफसी अर्गो हेल्थ इंश्योरेंस के विलय के बाद विलय वाली इकाई में उसकी हिस्सेदारी इस विलय की तारीख के छह महीने के भीतर 50 फीसदी या उससे कम किया जाए। इसके अतिरिक्त उसे जीवन बीमा इकाई एचडीएफसी लाइफ में अपनी हिस्सेदारी 16 दिसंबर 2020 या उससे पहले घटाकर 50 फीसदी या उससे नीचे लाना है।
एचडीएफसी लिमिटेड के वाइस चेयरमैन और सीईओ केकी मिस्त्री ने कहा, हमें लगता है कि यह संदेश आरबीआई की उस राय के मुताबिक है जिसके तहत वह चाहता है कि एनबीएफसी के पास बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा न हो। इसलिए एचडीएफसी लाइफ में हमने 1.43 फीसदी हिस्सा घटाया है और एचडीएफसी अर्गो में हमें अपनी अपनी हिस्सेदारी सिर्फ 0.58 फीसदी घटानी होगी।
उन्होंने कहा, एचडीएफसी लाइफ की हिस्सेदारी बेचने के लिए हमारे पास छह महीने हैं और एचडीएफसी अर्गो की हिस्सेदारी बेचने के लिए एचडीएफसी अर्गो हेल्थ व एचडीएफसी अर्गो के विलय की मंजूरी के बाद हमें छह महीने मिलेंगे, जिसके लिए हम एनसीएलटी की मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ऐसे में हमारे पास पर्याप्त वक्त है।
आरबीआई के नियमों के मुताबिक, संयुक्त उद्यम बीमा कंपनी में एनबीएफसी का अधिकतम इक्विटी योगदान सामान्य तौर पर चुकता पूंजी का 50 फीसदी होता है। चुनिंदा आधार पर आरबीआई शुरू में प्रवर्तक एनबीएफसी को ज्यादा इक्विटी योगदान की इजाजत दे सकता है।
एचडीएफसी लाइफ में एचडीएफसी की हिस्सेदारी 51.43 फीसदी है जबकि संयुक्त उद्यम साझेदार स्टैंडर्ड लाइफ के पास 12.25 फीसदी हिस्सेदारी है। विदेशी संस्थागत निवेशकों के पास 21.07 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों के पास 9.15 फीसदी और म्युचुअल फंडों के पास जीवन बीमा कंपनी की 9.15 फीसदी हिस्सा है। एचडीएफसी अर्गो के मामले में एचडीएफसी के पास 50.48 फीसदी हिस्सा है जबकि बाकी विदेशी इकाइयों के पास है। लेकिन एचडीएफसी एर्गो हेल्थ के साथ विलय के बाद एचडीएफसी के पास विलय वाली इकाई की 50.58 फीसदी हिस्सेदारी होगी।
खबर है कि आरबीआई उसकी सीमा तय करने के हक में है कि बैंक किसी बीमा संयुक्त उद्यम में कितनी इक्विटी रख सकता है। कुछ बैंकों की जीवन बीमा उद्यम में 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है। एसबीआई लाइफ में एसबीआई की हिस्सेदारी 57.60 फीसदी है जबकि एसबीआई जनरल में 70 फीसदी। इसी तरह आईसीआईसीआई प्रू लाइफ में आईसीआईसीआई बैंक की हिस्सेदारी 52.87 फीसदी है जबकि आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस में 55.86 फीसदी हिस्सेदारी। खबर है कि आरबीआई स्वामित्व की सीमा 30 फीसदी करने के हक में है।
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