वेतनभोगियों और उद्यमियों को बैंकों के आपात ऋण का सहारा | बिंदिशा सारंग / May 18, 2020 | | | | |
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले कुछ हफ्तों में प्रमुख दरों में बार-बार और भारी कटौती की है। साथ ही उसने बैंकों को कर्ज की मासिक किस्तें यानी ईएमआई टालने की इजाजत भी दे दी है। इसके बाद बैंक धीरे-धीरे वेतनभोगियों और उद्यमियों के साथ विभिन्न क्षेत्रों को कर्ज देने की तैयारी कर रहे हैं। वेतन में कटौती होने या कारोबार ठप पड़ा होने के कारण बहुत से लोगों की आय बंद हो गई है और कुछ की तो नौकरियों पर भी तलवार लटक गई है। इसलिए ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो मुश्किल दौर से पार पाने के लिए कर्ज लेने की इच्छा रखते हैं।
बैंकबाजार डॉट कॉम के मुख्य कार्य अधिकारी आदिल शेट्टी कहते हैं, 'महामारी के कारण भारी संख्या में नौकरियां जाने के कारण और मंदी की आशंका पैदा हो जाने के कारण बैंकों की फिक्र बढ़ती जा रही है क्योंकि गिरवी के बगैर लिए गए कर्ज को नहीं चुकाने और ईएमआई बंद करने के मामले बहुत तेजी से बढ़ सकते हैं। फिर भी कई बैंकों ने संकेत दिया है कि मुश्किल भरे इस दौर में वे विशेष आपात कर्ज देकर लोगों की मदद करना चाहते हैं।'
वेतनभोगियों के लिए
इंडियन बैंक की प्रबंध निदेशक पद्मजा चुंदुरू बताती हैं, 'हमने कॉरपोरेट या एमएसएमई के लिए तो कर्ज योजनाएं शुरू की ही हैं आपात वेतन ऋण, पेंशनभोगियों और स्वयं-सहायता समूहों के लिए भी ऋण की सुविधा शुरू की है।' बैंक के खुदरा वेतन ऋण को इंड-कोव इमरजेंसी सैलरी लोन का नाम दिया गया है। इसके तहत आप हाल तक की अपनी कुल मासिक तनख्वाह का 20 गुना तक ऋण हासिल कर सकते हैं। लेकिन अधिकतम 2 लाख रुपये तक का ही ऋण मिल सकता है। मगर यह कर्ज लेना है तो बैंक में आपका वेतन खाता होना जरूरी है। अगर इसी बैंक में आपका आवास ऋण चल रहा है तो वेतन खाता नहीं होने पर भी आपको सैलरी लोन मिल जाएगा। चुंदुरू कहती हैं, 'अगर आप बैंक के ग्राहक नहीं हैं तब भी आप आपात वेतन ऋण ले सकते हैं। लेकिन आपको गारंटर लाना पड़ेगा।' गारंटर आपकी पत्नी या कंपनी का कोई कर्मचारी हो सकता है। कोई प्रोसेसिंग शुल्क नहीं लगेगा और 36 महीनों के लिए 9.50 फीसदी ब्याज लिया जाएगा। इसमें शुरुआती छह महीने तक किस्त नहीं चुकानी होगी। बैंक ऑफ इंडिया भी खुदरा ग्राहकों को ऋण दे रहा है, लेकिन यह पर्सनल लोन के रूप में दिया जा रहा है। यह पिछले महीने के वेतन का तीन गुना और अधिकतम पांच लाख रुपये होगा।
छोटे कारोबारी, उद्यम
बड़ी कंपनियों को ऋण की जरूरत होती है क्योंकि उन पर लाखों परिवार और अर्थव्यवस्था निर्भर होती है। लेकिन सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) की परेशानियां कम करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के ज्यादातर बैंक कोविड-19 आपात ऋण दे रहे हैं। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रमुख (क्रेडिट पॉलिसी ऐंड एमएसएमएई) सी एम मिनोचा ने कहा, 'हम एमएसएमई और कंपनियों को कोविड-19 आपात ऋण दे रहे हैं, जिसमें अधिकतम 50 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। छोटे उद्यमियों, कारोबारियों, स्व-रोजगार प्राप्त और पेशेवरों के लिए अलग योजना है।' इसका इस्तेमाल कार्यशील पूंजी की जरूरत पूरी करने, वेतन का भुगतान करने और अन्य खर्चों में किया जा सकता है। उन्होंने कहा, 'इस समय फोटोकॉपी तक नहीं हो रही, इसलिए हम कर्ज लेने वालों को दस्तावेजी काम पूरा करने के लिए पर्याप्त समय देंगे।' एमएसएमई के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा के आपात ऋण की ब्याज दर 8 फीसदी है और अधिकतम 200 करोड़ रुपये दिए जा सकते हैं। एसबीआई 7.25 फीसदी ब्याज दर पर 12 महीनों के लिए 200 करोड़ रुपये का कर्ज मुहैया कराएगा। ज्यादातर बैंक कार्यशील पूंजी सीमा या टर्म लोन से 10 फीसदी अतिरिक्त रकम दे रहे हैं।
पेंशनभोगियों के लिए
इंडियन बैंक के ग्राहक आकस्मिक खर्च पूरे करने के लिए अपनी मासिक पेंशन का 15 गुना या अधिकतम दो लाख रुपये कर्ज ले सकते हैं। यह कर्ज 8.75 फीसदी ब्याज दर पर बिना किसी प्रोसेसिंग फीस के मुहैया कराया जा रहा है। ज्यादातर बैंक अपने पुराने ग्राहकों को ही कर्ज दे रहे हैं। शेट्टी कहते हैं, 'बैंक नए ग्राहकों को कर्ज इसलिए नहीं दे रहे क्योंकि नए ग्राहकों को ऋण देने के लिए कागजी दस्तावेज और सत्यापन जरूरी है, जो इस समय नहीं हो सकता।'
निस्संदेह ये विकल्प न मिलने पर आप अपने बैंक से लघु अवधि का पर्सनल लोन या किसी गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान से वेतन अग्रिम ऋण लेने पर विचार करेंगे। लोनटैप के सीईओ सत्यम कुमार ने कहा, 'अग्रिम वेतन ऋण वेतनभोगी पेशेवरों के लिए अल्पावधि ऋण है। वे तीन से 12 महीनों के लिए अपने वेतन का 2.5 गुना कर्ज ले सकते हैं।'
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