मनरेगा के लिए केंद्र से 40,000 करोड़ रुपये और मिले | संजीव मुखर्जी / नई दिल्ली May 17, 2020 | | | | |
शहरों से गांवों में लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने आज 2020-21 के लिए मनरेगा में 40,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि देने की घोषणा की। इस घोषणा के साथ इस साल के लिए योजना के तहत आवंटित राशि 1,01,500 करोड़ रुपये हो गई, जिसमें से 11,500 करोड़ रुपये पिछले वर्ष के बकायों के भुगतान के लिए खर्च किया जाएगा। बकायों को बाहर निकाल दें तो योजना पर अनुमानित खर्च 90,000 करोड़ रुपये है।
केंद्रीय बजट में 2020-21 में मनरेगा के लिए 61,500 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई थी जिसमें से सरकारी अनुमान के मुताबिक करीब 23,119 करोड़ रुपये जो कि करीब 38 फीसदी बैठता है, केंद्र की ओर से राज्यों को जारी किया जा चुका है। बहरहाल, बजट बढ़ाने के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत काम मॉनसून के महीनों में भी जारी रहेगा, ताकि लौट रहे श्रमिकों की जरूरत पूरी की जा सके। अतिरिक्त फंड के आवंटन से योजना के तहत मुहैया कराए जा रहे कार्यों में भी सुधार किया जा सकता है जिसमें अप्रैल और मई महीने में भारी कमी आई थी। ऐसा लॉकडाउन और कई जगहों पर काम बंद होने के कारण हुआ था।
मनरेगा के तहत सृजित कामों में अप्रैल 2020-21 में केवल 11.65 करोड़ व्यक्ति कार्यदिवसों की गिरावट हुई जबकि अप्रैल 2019-20 में इसमें 27.396 करोड़ व्यक्ति दिवसों की कमी आई थी,यह गिरावट करीब 58 फीसदी कम है।
अतिरिक्त आवंटन से 2020-21 में करीब 300 करोड़ व्यक्ति दिवसों का इजाफा होगा जो 2020-21 में 280.26 करोड़ व्यक्ति दिवसों के शुरुआती अनुमान से करीब 7.04 फीसदी अधिक है। इसका मतलब होगा कि औसतन करीब 25 करोड़ व्यक्ति दिवस कार्य योजना के तहत मुहैया कराया जा सकता है जो कि मांग पर निर्भर करेगा।
2020 में 16 मई तक मनरेगा के तहत करीब 5.3 करोड़ व्यक्तिदिवस कार्य मुहैया कराया जा चुका है जबकि 2019 में पूरे मई महीने में 36.953 करोड़ कार्य दिवस मुहैया कराए गए थे।
इस साल योजना के लिए प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत अनुमानित लागत 296.34 रुपये है जिससे करीब 89,000 करोड़ रुपये का संशोधित खर्च आएगा।
मनरेगा की वेबसाइट के मुताबिक अब तक योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से 23,000 करोड़ रुपये से अधिक जारी किया जा चुका है जिसमें से राज्यों ने 11,500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और शेष रकम उनके पास बची हुई है।
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