उप्र में कई सीमावर्ती जिलों के मार्गों पर भीषण जाम | बीएस संवाददाता / May 17, 2020 | | | | |
घर वापसी कर रहे मजदूरों की वजह से उत्तर प्रदेश में कई सीमावर्ती जिलों के मुख्य मार्गों पर भीषण जाम और हंगामे के हालात हैं। कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण घर वापसी कर रहे मजदूरों की बड़ी तादाद में उत्तर प्रदेश में सड़कों पर दुर्घटनाओं में हो रही मौतों के मद्देनजर योगी सरकार ने शहरों की सीमाएं सील कर पैदल या अन्य गाडिय़ों से आ रहे मजदूरों को रोक दिया है। अब पैदल या निजी साधनों से आ रहे मजदूरों को सरकार बसों से भेज रही है। सीमाएं सील होने से उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर भीषण जाम की स्थिति पैदा हो गई है। मध्य प्रदेश की सीमा पर झांसी में सीमा पर हजारों की तादाद में मजदूर फंसे हैं और हंगामा कर रहे हैं। मजदूरों को काबू में करने के लिए वहां लाठीचार्ज भी हुआ है।
झांसी में उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश के रक्सा जौहरिया बॉर्डर पर शनिवार रात से रविवार सुबह तक 10 किलोमीटर का लंबा जाम लगा रहा। यहां ट्रकों से महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश से आ रहे हजारों की तादाद में प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं। जिला प्रशासन उन्हें बसों से बॉर्डर से घर भेजने का इंतजाम करने में लगा है। रविवार दोपहर को स्थानीय प्रशासन ने लोगों को ट्रकों से ही जाने दिया। बसों का पर्याप्त इंतजाम न होने के चलते प्रशासन ने कागजी कारवाई पूरी कर केवल सूचना दर्ज कराते हुए सभी को जाने दिया।
इससे पहले बॉर्डर से ना निकलने को लेकर मजदूरों ने जमकर हंगामा काटा और पुलिस को उन पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
उधर शनिवार रात को भी मजदूरों को रोके जाने से लखनऊ-कानपुर राजमार्ग पर उन्नाव के पास 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। शनिवार रात करीब सात घंटे इस राजमार्ग पर भीषण जाम की स्थिति बनी रही और कम से कम छह हजार मजदूर फंसे रहे। लखनऊ की सीमा में घुसने का प्रयास कर रहे मजदूरों को रोकने के लिए पुलिस के साथ ही पीएसी को भी बुलाना पड़ा।
गौरतलब है कि बीते 48 घंटों में घर वापसी कर रहे 60 से ज्यादा मजदूरों की सड़कों पर कुचल कर हुई मौत के बाद योगी सरकार ने शहरों की सीमाएं सील कर पैदल या अन्य गाडिय़ों से आ रहे मजदूरों को रोक दिया है। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने शनिवार दोपहर एक आदेश जारी कर पैदल, मिनी ट्रक, ट्रक, मेटाडोर, ऑटो, साइकिल या अन्य निजी वाहन से मजदूरों के आने पर रोक लगा दी है।
|