सरकार ने कृषि एवं इससे जुड़े डेरी, मछली पालन और औषधीय खेती जैसे क्षेत्रों के लिए 1.63 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की शुक्रवार को घोषणा की। पैकेज का लक्ष्य कृषि उपज के बेहतर रखरखाव, परिवहन और दूसरी जरूरी बुनियादी सुविधाओं के लिए क्षमता निर्माण को मजबूती देना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी से पस्त अर्थव्यवस्था को उठाने के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की तीसरी किस्त जारी करते हुए आज एक लाख करोड़ रुपये के कृषि बुनियादी संरचना कोष की घोषणा की। सीतारमण ने कहा कि कृषि बुनियादी संरचना कोष के तहत संग्राहकों, कृषक उत्पादक संगठनों, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, कृषि उद्यमियों और स्टार्टअप को एक लाख करोड़ रुपये के कोष से सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने स्वास्थ्य एवं स्वस्थ जीवन, औषधीय, जैविक तथा पोषक जड़ी-बूटी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए दो लाख सूक्ष्म खाद्य उपक्रमों की मदद को लेकर 10 हजार करोड़ रुपये के कोष की घोषणा की। इसके अलावा मछली पालन के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि मुंह पका-खुर पका बीमारियों और ब्रूसीलोसिस को लेकर चल रहे राष्ट्रीय पशु बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पशुओं के टीकाकरण पर 13,343 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा डेरी प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन, मवेशी चारा क्षेत्र में निजी निवेश को समर्थन के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का पशुपालन संरचना विकास कोष स्थापित किया जाएगा। औषधीय पौधों और दूसरी जड़ी बूटियों की खेती को प्रोत्साहन के लिए भी 4,000 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय औषधीय पौध कोष की घोषणा की गई। वित्त मंत्री ने कहा कि यह योजना किसानों के लिए 5,000 करोड़ रुपये के आय के सृजन में मददगार होगी। सीतारमण ने कहा कि अब हरित अभियान का विस्तार टमाटर, प्याज और आलू से आगे सभी फलों और सब्जियों तक किया जाएगा। इसके लिए 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कोष दिया जाएगा।
