जीएमआर, अदाणी समूह, ओबेरॉय, एंबिएंस, गोदरेज प्रोपर्टीज, रिलायंस इन्फ्रा, शोभा, ब्रिगेड, एंबेसी समूह सहित विभिन्न कंपनियों ने तिरुपति और नेल्लोर में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए बोली पूर्व बैठकों हिस्सा लिया। इन परियोजनाओं की लागत 640 करोड़ रुपये अनुमानित है।
रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने तिरुपति और नेल्लोर को मल्टीमोडल ट्रांजिट हब बनाने के लिए इन ऑनलाइन बोली पूर्व बैठकों का आयोजन किया है। इन स्टेशनों पर कई अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इनमें रैंप और एलिवेटर सहित कई दूसरी सुविधाएं होंगी। ये ठेके जून 2020 तक दिए जाएंगे। भारतीय रेल नेटवर्क में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए आरएलडीए नोडल एजेंसी है।
दोनों स्टेशनों का विकास पीपीपी मोड के डिजाइन, बिल्ड, फाइनैंस, ऑपरेट, ट्रांसफर (डीबीएफओटी) मॉडल के आधार पर किया जाएगा। इनमें प्रशासनिक, तकनीकी, सुरक्षा जैसे परिचालन क्षेत्र और स्टेशन परिचालन कर्मचारी क्षेत्र होंगे। इनके अलावा यात्रियों के लिए शॉपिंग, स्वागत, फूड कोर्ट, क्लॉकरूम, शयनकक्ष और विशिष्ट लाउंज जैसी सुविधाएं होंगी। तिरुपति स्टेशन को पुनर्विकसित करने का लक्ष्य 3 वर्ष है।
आरएलडीए के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश दुदेजा ने कहा, 'कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बीच हमने सफलतापूर्वक नेल्लोर और तिरुपति दोनों के लिए बोली पूर्व बैठकों का आयोजन किया। यह इस अप्रत्याशित समय में बाधारहित परिचालानों को सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है। हमने ऑनलाइन निविदा खोलने की भी शुरुआत कर दी है।'