आपूर्ति शृंखला में अवरोध और कामगारों की किल्लत के बीच एफएमसीजी दिग्गज अदाणी विल्मर लिमिटेड ने कहा है कि उसके संयंत्र अभी 70 फीसदी क्षमता पर संचालित हो रहे हैं क्योंकि उसका इरादा जल्द से जल्द इष्टतम स्तर पर पहुंचने का है।
अदाणी विल्मर के डिप्टी सीईओ ए मलिक ने कहा, लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद लॉजिस्टिक्स की समस्या, कच्चे माल की अनुपलब्धता और कामगारों की किल्लत के चलते उत्पादन क्षमता घटकर 50 फीसदी रह गई थी। अभी हम 70 फीसदी क्षमता पर परिचालन कर रहे हैं और हमारा इरादा जल्द से जल्द इष्टतम यानी अधिकतम स्तर पर पहुंचने का है। यह चुनौतीपूर्ण समय है लेकिन आवश्यक श्रेणी में बड़ी कंपनी होने के नाते हम हरसंभव कदम उठा रहे हैं ताकि खाद्य तेल व खाद्य उत्पादों की बाजार में कोई किल्लत न हो। कंपनी खाद्य तेल, दाल, चावल, आटा और चीनी जैसे उत्पाद बाजार में उपलब्ध कराती है। बाजार में खाद्य तेल व खाद्य उत्पादनों की किल्लत न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए कंपनी अपने सभी संयंत्रों का परिचालन कर रही है और वह अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सभी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कर रही है और कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए हर मुमकिन कदम उठा रही है।
बड़े पैमाने पर कामगारों के निकल जाने से अदाणी विल्मर अपने परिचालन का प्रबंधन 50 से 60 फीसदी कामगारों के साथ कर रही है। उन्होंने कहा, अपने पैतृक राज्यों से कामगारों को लौटने में कुछ समय लग सकता है। हम बाकी कामगारों के साथ काम चला रहे हैं और अन्य फैक्टरियों से भी लोगों की नियुक्ति कर रहे हैं।
होटल व रेस्टोरेंट को बंद होने के कारण संस्थागत बिक्री को झटका लगा है, पर अदाणी विल्मर ने छोटे उपभोक्ता पैकेट की बिक्री व उत्पादन कर रही है। सामान्य परिस्थितियों में उपभोक्ता व थोक पैक वाले सामान की बिक्री के 60:40 अनुपात के मुकाबले अभी यह अनुपात 85:15 का है। कंपनी के संयंत्र कोविड-19 हॉटस्पॉट मसलन सूरत, खरगोन (एमपी), पूर्वी गोदावरी, कुर्नूल, नेल्लोर और दक्षिणी कर्नाटक जिलों में होने के बावजूद कंपनी खाद्य तेल व खाद्य उत्पादों की बाजार में आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है। हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का इस्तेमाल और सभी कर्मचारियों के तापमान की जांच मुंद्रा, कृष्णापट्टनम, हल्दिया, मेदा अदराज, काडी, मेंगलोर, कांकीनाड़ा, फिरोजपुर, पारादीप, विदिशा, बूंदी, हजीरा, नागपुर, नीमच और नीमराणा संयंत्रों में अनिवार्य है।