वेतन कटौती पर केपीआईटी टेक को नोटिस | साई ईश्वर / मुंबई May 15, 2020 | | | | |
पुणे की इंजीनियरिंग सेवा कंपनी केपीआईटी टेक्नोलॉजिज को भारत में कर्मचारियों के वेतन कटौती पर श्रम विभाग का नोटिस मिला है। कथित तौर पर 10 से 50 फीसदी तक हुई वेतन कटौती इस साल सितंबर तक प्रभावी रहेगी। सहायक श्रम आयुक्त निखिल वाल्के के हस्ताक्षर वाले इस आदेश में कंपनी से महाराष्ट्र राज्य के निर्देशों का पालन करने और वेतन कटौती या छंटनी से दूर रहने को कहा गया है या फिर वह सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहे। इस आदेश की प्रति बिजनेस स्टैंडर्ड ने देखा है और इसमें कंपनी को सरकारी दिशानिर्देश का पालन करने के बाद उठाए गए उचित कदम पर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
केपीआईटी टेक ने गुरुवार को ईमेल के जरिए भेजी गई बिजनेस स्टैंडर्ड की प्रश्नावली मिलने की बात कही, लेकिन इस पर कोई जवाब नहींं दिया। हालांकि कर्मचारियोंं को भेजे ईमेल में केपीआईटी टेक के सह-संस्थापक, प्रबंध निदेशक और सीईओ किशोर पाटिल ने कहा है कि महामारी ने वैश्विक स्तर पर क्लाइंटों के कारोबार को प्रभावित किया है और इसके परिणामस्वरूप कंपनी के परिचालन राजस्व व नकदी संग्रह पर अचानक असर पड़ गया है। ईमेल में कहा गया है, अप्रैल 2020 से वेतन में अस्थायी तौर पर कमी की गई है और इसे कम से कम सितंबर 2020 तक बनाए रखा जाएगा। चेयरमैन इस अवधि में कोई वेतन-भत्ता नहीं लेंगे, वहीं अन्य पूर्णकालिक कर्मचारियों के वेतन में 10 से 50 फीसदी की कटोती होगी।
वेतन-भत्ते में बदलाव के क्रियान्वयन की शुरुआत वेरिएबल पे और विशेष भत्ते में कटौती से होगी और उसका विस्तार फिक्स्ड कंपोनेंट में भी होगा। कंपनी के क्लाइंटों में बीएमडब्ल्यू, कमिंस, डेंसो, हिताची और होंडा आदि शामिल हैं। साथ ही इस कंपनी के कर्मचारियों की संख्या करीब 5,500 है। श्रम विभाग का आदेश वेतन कटौती के खिलाफ नैशनल इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्पलॉयी सीनेट्स की शिकायत के बाद जारी हुआ है।
यूनियन के महासचिव हरप्रीत सलूजा ने कहा, इसके अतिरिक्त कंपनी सने 200 कर्मचारियों को पार्टटाइम काम के लिए कहा है और उनके वेतन 50 फीसदी घटा दिए गए हैं। उन्होंने कहा, हमें सर्वोच्च न्यायालय से काफी उम्मीद है क्योंकि आईटी, आईटीईएस, बीपीओ और केपीओ कंपनियों की तरफ से अवैध छंटनी और वेतन कटौती पर हमारी जनहित याचिका पर 15 मई को सुनवाई होनी है। पिछले हफ्ते श्रम विभाग ने शहर की कंपनी टेक महिंद्रा को नोटिस जारी किया था, जो कर्मचारियों के शिफ्ट अलाउंसेज के निलंबन के कारण जारी हुआ था।
राजस्व की रफ्तार में सुस्ती और मांग के अनिश्चित माहौल के कारण आईटी सेवा प्रदाता मसलन टीसीएस, विप्रो, इन्फोसिस और टेक महिंद्रा ने वेतन बढ़ोतरी पर रोक लगा दी है और लागत कटौती की आक्रामक रणनीति अपनाई है।
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