वीवो समूह की कंपनी मई में 50 फीसदी वेतन कटौती करेगी | अर्णव दत्ता / नई दिल्ली May 15, 2020 | | | | |
लगभग दो महीने के विस्तारित लॉकडाउन और शून्य बिक्री ने मात्रात्मक बिक्री के लिहाज से देश की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी वीवो की वित्तीय स्थिति को प्रभावित किया है। फिलहाल कंपनी अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए संघर्ष कर रही है।
उदाहरण के लिए, पश्चिम भारत में परिचालन करने वाली वीवो समूह की कंपनी जॉइनमे इलेक्ट्रॉनिक्स ने एक आंतरिक पत्र के जरिये अपने कर्मचारियों को सूचित किया है कि लॉकडाउन की अवधि में विस्तार किए जाने से वेतन भुगतान करने की उसकी क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई है। कंपनी के निदेशक डिंग झिजी ने कहा कि इस परिस्थिति में कंपनी मई 2020 से अपने सभी कर्मचारियों के लिए वेतन कटौती लागू करने के लिए मजबूर है। उन्होंने कहा कि इसलिए मई 2020 के लिए कर्मचारियों के सकल वेतन में 50 फीसदी की कटौती करने का निर्णय लिया गया है।
झिजी ने पत्र के जरिये कर्मचारियों से कहा है, 'मई में लॉकडाउन को जारी रखने की घोषणा और आगे उसमें विस्तार की संभावना दिख रही है। इसका मतलब साफ है कि मई में भी कोई बिक्री अथवा संग्रह नहीं होगा। इस विषम परिस्थितियों में कंपनी का अस्तित्व बचाना आवश्यक है क्योंकि जब कंपनी बचेगी तभी हमारी नौकरियां भी बचेंगी।'
हालांकि कंपनी ने मार्च और अप्रैल में बिक्री एवं संग्रह लगभग नगण्य रहने के बावजूद चुनौतियों से निपटने में कामयाब रही और कर्मचारियों को 100 फीसदी वेतन का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा, 'हममें से हरेक के बलिदान के बिना इस संकट से बच पाना हमारी कंपनी के लिए असंभव है।'
वीवो समूह की कंपनी जॉइनमे ने 2018-19 में 2,609 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की थी जबकि उसकी शुद्ध आय 47 करोड़ रुपये रही थी। मौजूदा परिस्थिति के विपरीत एक अच्छे कारोबारी माहौल ने कंपनी को बिक्री में सालाना आधार पर 49 फीसदी की वृद्धि दर्ज करने में मदद की। कंपनी रजिस्ट्रार को दी गई जानकारी से इसका पता चलता है। वीवो इंडिया के 17,000 करोड़ रुपये के राजस्व में इसका योगदान करीब 16 फीसदी है।
जॉइनमे अकेली ऐसी कंपनी नहीं है जो लॉकडाउन के कारण वित्तीय समस्याओं से जूझ रही है। लॉकडाउन की अवधि खत्म होती दिख रही है लेकिन इसके कारण पैदा हुए आर्थिक व्यवधान के कारण कई अन्य सहायक एवं समूह कंपनियां लागत में कटौती करने के लिए मजबूर दिख रही हैं। सूत्रों ने कहा कि कई कंपनियों ने वेतन में कटौती के अलावा इनसेंटिव और अप्रैजल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है।
संपर्क करने पर वीवो इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि उस पत्र को आंतरिक ज्ञापन के तौर पर तैयार किया गया था और उसे प्रसारित करने की कोई मंशा नहीं थी। उन्होंने झिजी का उल्लेख करते हुए कहा, 'फिलहाल इस संबंध में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।'
उद्योग से प्राप्त जीएफके के आंकड़ों के अनुसार, मार्च में स्मार्टफोन बाजार को करीब 5,000 करोड़ रुपये का बिक्री नुकसान हुआ जबकि अप्रैल में वह पूरी तरह ध्वस्त हो गया। एक साल पहले अप्रैल में 10,700 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी। कम से कम 17 मई तक जारी लॉकडाउन के कारण करीब 7,000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है।
विश्लेषकों ने सुझाव दिया है कि वीवो जैसी किसी भी प्रमुख कंपनी के लिए व्यापार का नुकसान उसकी संबंधित बाजार हिस्सेदारी के अनुरूप होगा।
ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन में लॉकडाउन में दी गई आंशिक ढील से विवो जैसी अधिकतर उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को कोई खास मदद नहीं मिलेगी। अनुमानों से पता चलता है कि सभी प्रमुख महानगरों को रेड जोन में रखा गया है और केवल 20 फीसदी बाजार ही इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की ई-कॉमर्स डिलिवरी जैसी खुदरा गतिविधियों के लिए खुला है।
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