कमजोर तबके को 3 लाख करोड़ रुपये का पैकेज | इंदिवजल धस्माना / नई दिल्ली May 15, 2020 | | | | |
प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा के क्रम में दूसरे दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्रवासी श्रमिकों, किसानों, आदिवासियों, रेहड़ी-पटरी वालों और मध्यवर्ग को 3.10 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय मदद देने का ऐलान किया।
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इसका क्रियान्वयन करना कठिन होगा क्योंकि वास्तविक लाभार्थियों की पहचान बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने सरकार से मांग की कि अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए भी कुछ पैकेज की घोषणा की जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज में अब केवल 3.5 लाख करोड़ रुपये ही बचे हैं।
वित्त मंत्री ने नौ उपायों की घोषणा की जिनमें से तीन प्रवासी श्रमिकों से जुड़े हैं, जिन पर लॉकडाउन की सबसे बड़ी मार पड़ी है। वित्त मंत्री ने राष्टï्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनिमय या राज्य की योजना में पंजीकरण से बाहर रहने वाले श्रमिकों को दो महीने तक प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल या गेहूं और प्रति परिवार एक किलो चना दाल देने का ऐलान किया। इससे केंद्र सरकार पर करीब 3,500 करोड़ रुपये का बोझ आएगा लेकिन करीब 8 करोड़ प्रवासियों को इससे मदद मिलेगी। इस योजना का क्रियान्वयन राज्यों के माध्यम से किया जाएगा। प्रवासी मजदूरों को राशन की दुकानों से रियायती दरों पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए वित्त मंत्री एक राष्टï्र एक राशन कार्ड योजना की भी घोषणा की। इस साल अगस्त तक इसके दायरे में 76 करोड़ लाभार्थियों को शामिल किया जाएगा। इस योजना पर पहले से काम चल रहा है और मार्च 2021 में पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
प्रवासी श्रमिकों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किफायती किराया योजना लाने की भी बात कही गई है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा वित्तपोषित शहरों के मकानों को सार्वजनिक निजी साझेदारी में आवासीय परिसर में तब्दील किया जाएगा। इसके अलावा सरकार विनिर्माण इकाइयों, राज्य सरकार की एजेंसियों और अन्य को अपनी जीमन पर ऐसे आवासीय परिसर विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
सरकार ने पिछले दो दिनों में कुल 9.10 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है। यह गरीबों एवं वंचितों के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये के उपायों की घोषणा कर चुकी है। अब तक 5.74 लाख करोड़ रुपये के मौद्रिक प्रोत्साहनों समेत कुल 16.5 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा कर दी गई है।
प्रवासी कामगारों के अलावा रबी फसलों के कटाई के बाद के कामकाज की वजह से किसानों का मुद्दा अहम बन गया है। इसके चलते ही सीतारमण ने घोषणा की कि नाबार्ड किसानों को 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपात कार्यशील पूंजी मुहैया कराएगा। यह पूंजी ग्रामीण सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के जरिये मई और जून में मुहैया कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि 2.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्डों के जरिये दो लाख करोड़ रुपये का रियायती ऋण मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने आवास क्षेत्र को 70,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मुहैया कराने की घोषणा की। इसके तहत छह लाख रुपये से 18 लाख रुपये सालाना आय वाले मध्य वर्ग को सस्ते मकानों की खरीद पर सब्सिडीयुक्त ऋण मियाद एक साल और बढ़ाई गई है।
उन्होंने कहा कि यह कदम सीमेंट, इस्पात, अन्य निर्माण सामग्री और परिवहन की मांग बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को सहारा देगा। हालांकि अप्रैल के ऐसे ज्यादातर आकंड़े उपलब्ध नहीं हैं, जिनसे अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन के असर की थाह ली जा सके।
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