सड़क ठेकेदारों को राहत की सांस | मेघा मनचंदा / नई दिल्ली May 14, 2020 | | | | |
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सरकारी अनुबंधों को पूरा करने की समयसीमा में छूट की घोषणा की। यह कदम कोविड-19 संकट तथा प्रवासी श्रमिकों के पलायन की समस्या से जूझ रही कंपनियों के लिए थोड़ी राहत लेकर आया है। विस्तारित समयावधि में ये कंपनियां कई तरह के अनुबंध दायित्वों को पूरा करने में सक्षम होंगी।
ठेकेदारों को राहत देते हुए वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि सभी केंद्रीय एजेंसियों जैसे रेल, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा इस समयावधि में छह महीने तक का विस्तार दिया जाता है। इस राहत को निर्माण संबंधी सभी गतिविधियों और वस्तुओं तथा सेवाओं से जुड़े अनुबंधों तक बढ़ा दिया गया है।
इसमें काम को पूरा करने, आधी समयावधि तक निर्धारित काम और सार्वजनिक-निजी-साझेदारी अनुबंधों की कुल अवधि में भी रियायत विस्तार दिया गया है।
कंपनियों के नकदी प्रवाह की स्थिति को आसान बनाने के लिए सरकारी एजेंसियां आंशिक रूप से बैंक गारंटी जारी करेंगी।
डेलॉयट इंडिया में पार्टनर तथा लीड (सरकार एवं सार्वजनिक क्षेत्र) अरिंदम गुहा ने सड़क निर्माण से जुड़ी वित्तमंत्री की घोषणा पर कहा, 'सड़क क्षेत्र से जुड़े ठेकेदारों और पीपीपी अनुबंध धारकों के लिए, परियोजना की कुल अवधि में बिना किसी दंड के छह महीने का विस्तार दिया गया है। यह ठेकेदारों या अनुबंध धारकों के साथ निवेश माहौल को आसान बनाने का एक और उदाहरण है।'
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह राहत आपेक्षित थी। हालांकि रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक विनोद मोदी ने कहा कि इस अवधि के दौरान लागत में बढ़ोतरी को लेकर कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि रियायत अवधि में छह महीने के विस्तार तक परियोजनाओं के समग्र 'वापसी की आंतरिक दर' (आईआरआर ) के मामले में मदद मिलने की संभावना है।
पूरे हो चुके कार्य के प्रतिशत के आधार पर बैंक गारंटी आंशिक तौर पर भी जारी की जा सकती है। मोदी कहते हैं, 'इसके परिणामस्वरूप कंपनियों के पास पर्याप्त तरलता आएगी और उन्हें उनकी कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। परियोजना की कुल कीमत की 5 फीसदी राशि बैंक गारंटी के तौर होती है जिसे आमतौर पर परियोजनाओं के पूरा होने के बाद जारी किया जाता है।'
एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि मॉनसून सत्र के बाद निर्माण कार्य शुरू करने के लिए प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने में समय की भी अपनी भूमिका होगी। 20 अप्रैल को लॉकडाउन के पहले चरण के समाप्त होने पर देश के कुछ क्षेत्रों में सड़क निर्माण गतिविधियां शुरू हुईं।
विशेषज्ञों का मानना है कि निर्माण गतिविधि को सामान्य करने में लगभग 3-4 महीने लगेंगे और अनुबंधों की नई बोली कुछ समय बाद होगी। वर्तमान में, अनुमान है कि 30-40 प्रतिशत परियोजनाओं का निर्माण शुरू हो गया है।
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