आर इन्फ्रा की नियामकीय संपत्तियां प्रभावित कर सकती हैं बिक्री | अमृता पिल्लई और मेघा मनचंदा / मुंबई/नई दिल्ली May 13, 2020 | | | | |
कर्ज चुकाने के लिए अपनी संपत्तियों के मुद्रीकरण को इच्छुक रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर राष्ट्रीय राजधानी में अपना बिजली वितरण कारोबार बेच रही है। नियामकीय संपत्तियों की चिंता के साथ ही दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन कारोबार में कम शुल्क का भी एक अहम मसला है।
दिल्ली में पिछले 4 साल से बिजली के शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है और विशेषज्ञों का कहना है कि निकट भविष्य में भी यथास्थिति बने रहने की संभावना है। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर अपनी दो सहायक कंपनियों बीएसईएस यमुना और बीएसईएस राजधानी के माध्यम से दिल्ली में बिजली वितरण का कारोबार करती है। इन दो कंपनियों में दिल्ली सरकार की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत है और शेष हिस्सेदारी मूल कंपनी आर इन्फ्रा की है। इसका मतलब यह हुआ कि अरविंद केजरीवाल सरकार को इसके लिए मना पाना एक और चुनौती होगी। ऐसा माना जा रहा है कि राज्य सरकार का दिल्ली की 3 बिजली वितरण कंपनियों पर 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा नियामकीय संपत्ति का बकाया है, जिसमें टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड भी शामिल है।
यह नियामकीय संपत्तियां राजस्व और सरकार द्वारा दी गई संपत्ति के बीच का अंतर हैं। दिल्ली की सरकार सब्सिडीयुक्त बिजली की आपूर्ति के लिए तीनों बिजली कंपनियों को मुआवजा देती है। यह सब्सिडी नियामकीय संपत्तियों के रूप में सरकार द्वारा बाद की तिथि में भुगतान के लिए अलग रखी जाती है।
दिल्ली बिजली नियामकीय आयोग (डीईआरसी) ने इन कंपनियों पर वित्त वर्ष 15 तक के नियामकीय बकाये की पहचान की है। इन नियामकीय संपत्तियों का फैसला 2002-03 में दिल्ली में बिजली के कारोबार के निजीकरण के वक्त किया गया था। 25 साल का वितरण लाइसेंस 2029 में खत्म हो रहा है।
इस सिलसिले में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के संबंधित अधिकारियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
खरीदारों की रुचि के हिसाब से विश्लेषकों ने नियामकीय संपत्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह दिल्ली के कारोबार में चिंता का विषय हो सकता है। एलारा कैपिटल के वाइस प्रेसीडेंट रूपेश सांखे ने कहा, 'अधिग्रहण के लिए बोली लगाने से पहले नियमित संपत्ति को वसूली आकलन के तहत रख सकते हैं।'
अगस्त 2018 में आर इन्फ्रा ने अपने मुंबई के वितरण कारोबार की बिक्री अदाणी ट्रांसमिशन को 18,800 करोड़ रुपये में की थी। इसमें से कारोबार का मूल्यांकन 12,100 करोड़ रुपये का था और शेष नियामकीय संपत्तियों और शुद्ध कार्यशील पूंजी से जुड़ा था। मुंबई के वितरण कारोबार से 30 लाख ग्राहक जुड़े हुए हैं।
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