बीएस बातचीत
बंधन बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी चंद्र शेखर घोष ने कहा है कि मार्च तिमाही में बैंक की तरफ से किया गया प्रावधान कोविड-19 से संबंधित परिसंपत्ति गुणवत्ता के दबाव का ख्याल रखने के लिए पर्याप्त होगा। हंसिनी कार्तिक और नम्रता आचार्य को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खत्म होते ही कर्ज की मांग बहाल हो जाएगी। मुख्य अंश...
मार्च तिमाही में किए गए अतिरिक्त प्रावधान कोविड से संबंधित परिसंपत्ति गुणवत्ता के दबाव को समाहित करने के लिए पर्याप्त होगा?
हमने ऐसी परिस्थिति पहले कभी नहीं देखी है। लेकिन अगर आप नोटबंदी, जीएसटी के क्रियान्वयन आदि के संकट वाले उदाहरणों के आधार पर विश्लेषण करेंगे तो 0.4 फीसदी के स्तर पर हमारा 90 दिन का पिछला बकाया उद्योग के 7-9 फीसदी से औसत से काफी कम रहा है। उत्तर प्रदेश में साल 2017 में हुई कर्जमाफी और ओडिशा में साइक्लोन फानी के दौरान हमारा अनुभव एक जैसा रहा है। पिछले साल असम में भी हमारा 90 दिन का पिछला बकाया अन्य बैंकों के मुकाबले काफी कम रहा था। प्राकृतिक आपदा में भी जब लोगों के सामने चुनौतियां पैदा होती हैं तो उनके घर व जीविका प्रभावित होते हैं लेकिन परिसंपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर हमने बेहतर किया। हालांकि ऐसे उदाहरणों के उलट लॉकडाउन में लोग अपने घर व जीविका को नष्ट होता नहीं देख रहे हैं। जब गतिविधियां बहाल होंगी तो परिसंपत्ति गुणवत्ता में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। हम अपनी परिसंपत्ति गुणवत्ता 1.5 फीसदी या उससे नीचे रखने में सक्षम होंगे।
मई में लॉकडाउन के आंशिक रूप से खुलने के साथ क्या अप्रैल में हुई पूरी बंदी के मुकाबले संग्रह व कर्ज वितरण में सुधार देखने को मिला है?
पूर्वी भारत और ग्रामीण इलाके में हमारा फैलाव ज्यादा है। हमारे खाते का ज्यादातर हिस्सा गैर-कोविड वाले इलाकों का है। ऐसे में हम अपनी 95 फीसदी शाखाएं खोलने में सक्षम रहे। लॉकडाउन के कारण लोगों की आवाजाही बंद है जबकि हम काम कर रहे हैं। हमने कर्ज वितरण फिर शुरू किया है क्योंकि कुछ ग्राहक हमारे पास कर्ज के लिए पहुंचे। कुछ शाखाओं में आ रहे हैं और अपने किस्तों का भुगतान कर रहे हैं। ऐसे में क्रेडिट अनुशासन को लेकर कोई डर नहीं है। वितरण धीरे-धीरे शुरू हुआ है और लॉकडाउन हटते ही चीजें सुधरेंगी। उदाहरण के लिए, जब फसल कटाई का सीजन शुरू होगा और किसानों को अपना कामकाज शुरू करने के लिए उधारी की दरकार होगी और यह कर्ज की मांग बढ़ाएगा।
एमएफआई ग्राहकों ने कर्ज चुकाने की मोहलत का पूरा इस्तेमाल किया। अन्य के बारे में क्या स्थिति है?
हाउसिंग लोन में 87 फीसदी ग्राहकों ने 30 अप्रैल तक मासिक किस्त का भुगतान किया और एमएसएमई के मामले में यह 65 फीसदी रहा। एनबीएफसी-एमएफआई के मामले में 40 फीसदी ने अपने बकाए का भुगतान किया।
क्या वित्त वर्ष 2021 चुनौतीपूर्ण होगा?
यह पूरी तरह से लॉकडाउन खुलने पर निर्भर करेगा और इस पर भी कि लोग अपना काम शुरू कर सकते हैं या नहीं और एक जगह से दूसरी जगह जा सकते हैं या नहीं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि लॉकडाउन खुलने की तिमाही के भीतर सबकुछ सामान्य हो जाएगा।